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नई दिल्ली, टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने 5G रोडमैप पर कार्य करने के लिए उच्च स्तरीय कमिटी का गठन कर लिया है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि जब नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी कमर्शियली वैश्विक स्तर पर रोल-आउट के लिए तैयार हो तो भारत भी उसका फायदा उठा सके।

सुंदरराजन ने कहा- ” हम 5G पर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। ताकि जब यह टेक्नोलॉजी आए तो भारत इसका पूरे तरह से लाभ उठाने के लिए तैयार हो।”

उन्होंने कहा- ” DoT नई नम्बरिंग स्कीम का फ्रेमवर्क बनाने की प्रक्रिया में लगा है। इस नम्बरिंग स्कीम को उन सिम कार्ड्स के लिए प्रयोग किया जाएगा जिन्हें मशीन-टू-मशीन कम्युनिकेशन्स में प्रयोग किया जाएगा।”

5G सेवाएं M2M सेवाओं पर ज्यादा फोकस करेगी। जैसे की- कार में सेंसर्स का प्रयोग करना, वाहनों को एक्सीडेंट से बचाना, स्मार्ट होम और स्मार्ट सिटीज आदि।

सुंदरराजन ने कहा- ”जैसे पिछले 18 से 24 महीने में तेजी से बदलाव हुए हैं। उसी तरह आने वाले 12 महिओं में भी हम भारत में इस तरह की क्षमताओं को बड़ी संख्या में बनते हुए देखेंगे आने वाले महीनों में हम M2M का असल मायने में रोल-आउट देखेंगे।”

क्या है 5जी तकनीक: 5जी तकनीक की शुरुआत साल 2010 में हुई। इसे मोबाइल नेटवर्क का पांचवी पीढ़ी कहा जाता है। यह ‘वायरलेस बर्ल्ड वाइड वेब’ (मोबाइल इंटरनेट) को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस तकनीक में बड़े पैमाने पर डेटा का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इसमें एचडी क्वालिटी का वीडियो के साथ मल्टीमीडिया न्यूजपेपर प्रसारित की जा सकती है। साथ ही इस तकनीक से वीडियो कॉलिंग के क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी। इस तकनीक में अल्ट्रा हाइ डेफिनिशन क्वालिटी की आवाज का प्रसारण किया जा सकता है। इस तकनीक में 1Gbps से अधिक स्पीड से डेटा की आवाजाही हो सकती है। हालांकि अभी तक इसकी अधिकतम स्पीड डिफाइन नहीं की गई है, क्योंकि अभी यह कांसेप्ट के दौर में है और इस पर काम चल रहा है।

इस तकनीक की सबसे बड़ी खूबी रियल टाइम में बड़े से बड़े डेटा का आदान-प्रदान होगा। साथ ही यह तकनीक संवर्धित वास्तविकता (अगर्मेंटेड रियलिटी) के क्षेत्र में नया रास्ता खोलेगी, यानि इसके माध्यम से फोन कॉल पर आप बिल्कुल आमने-सामने बात कर पाने में सक्षम होंगे। विभिन्न साइंस फिक्शन और फंतासी कथाओं में जिस प्रकार व्यक्ति आपके आगे आभासी रूप में उपस्थित हो जाता है और आप उससे आमने-सामने बात करने में सक्षम होते हैं। इस तकनीक से ऐसा करना संभव हो सकेगा। अनुमान के मुताबिक 5जी तकनीक साल 2020 तक धड़ल्ले से प्रयोग में आने लगेगी। फिलहाल ब्रिटेन की राजधानी लंदन में साल 2020 तक 5जी तकनीक लगाने की तैयारी चल रही है