बांध

सौराष्ट्र के बाद अब बारिश ने उत्तर गुजरात में कहर बरपाया है। भारी बारिश की वजह से बनासकांठा का धानेरा पूरी तरह पानी में डूब गया है। सोमवार रात लगातार बारिश के चलते 25,000 से ज्यादा लोगों को सुरिक्षत स्थान पर ले जाया गया। इस बारिश से उत्तर गुजरात विशेषकर प्रभावित हुआ है। लगभग 1,000 को बचाया गाया और 15,000 को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।

इस बीच प्रशासन ने भारी बारिश की संभावना के चलते सौ से ज्यादा गांव को खाली करने का आदेश दे दिया है। मानसून में अब तक मरने वालों की तादाद 70 तक पहुंच चुकी है। धानेरा में बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है कि लोग अपने घरों के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं। दरअसल पिछले 24 घंटों के भीतर धानेरा में 250 एमएम, पालनपुर में 255 एमएम, दांतिवाडा में 342 एमएम बारिश दर्ज की गई है। घरों में पानी भर जाने की वजह से लोग छत पर रहने को मजबूर हैं।

आपको बता दें कि प्रशासन ने रिहायती कदम उठाते हुए बीके जिले में अब तक लगभग 10,300 लोगों को सुरिक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया है। वहीं मोरबी जिले से 950 लोगों को शिफ्ट किया गया है। पाटन जिले से भी 9790 लोगों को शिफ्ट किया गया है।

वहीं दुसरी ओर राजस्थान के सिरोही ओर माउंट आबु में हुई भारी बारिश के चलते इस पुरे इलाके में चारों ओर पानी-पानी हो गया है। वहीं बनास और सीपु दोनों ही नदियां उफान पर हैं। सीपु और दांतेवाडा बांध अपने खतरे के निशान पर हैं, जिसके चलते वहां से पानी छोड़ा जाएगा। इसकी वजह से आसपास के 100 से ज्यादा गांवों को खाली करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

धानेरा में हालात इस कदर खराब हैं कि यहां रेस्क्यु के लिए एनडीआरएफ कि 6 टीम, एयरफोर्स के 3 हेलिकॉप्टर और आर्मी की एक टीम को लगाया गया है।अब तक 7000 लोगों को बनासकांठा जिले से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, जबकि 225 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

मौसम विभाग की चेतावनी-
मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटों के लिए अलर्ट घोषित किया है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 24 घंटों में में उत्तर गुजरात और मध्य गुजरात में और तेज बारिश हो सकती है। गुजरात सरकार ने 27 तारीख से शुरू होने वाली नर्मदा यात्रा और हेरिटेज वॉक कार्यक्रम भी बारिश के चलते टाल दी है।

बांध टूटने की अफ़वाह ने बढ़ायी मुसीबत-
बाढ़ के साथ-साथ सरकार कि मुसीबत तब दोगुनी हो गई, जब सोमवार को गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने बांध मच्छु दो के टूटने की अफ़वाह ने ज़ोर पकड़ा। अफ़वाह ने इस क़दर ज़ोर पकड़ा कि मोरबी का प्रमुख बाज़ार बंद हो गया। यहा तक कि लोग अपने घर ख़ाली कर ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने लगे।गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से मच्छु बांध से लगातार 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते मच्छु नदी जहां-जहां से होकर बहती थी, वहां तबाही मचाती गयी।

अफवाह से लोगों को 1979 में मच्छु नदी पर बने मच्छु बांध के टूटने के बाद फैली तबाही याद आ गई। उस वक़्त कई लोगों की मौत हुई थी। पानी मोरबी शहर में दो मंज़िल तक ऊपर तक गया था। हालांकि, अफवाह ज़्यादा तूल न पकड़ सके इसके लिए सरकार ने कमर कस ली है। इरीगेशन सचिव एम जाधव ने घोषणा की है कि बांध पुरी तरह सुरक्षि‍त है, लोग अफ़वाहों पर ध्यान न दें। मच्छु नदी में बांध अपने ख़तरे के निशान से पांच फुट नीचे है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।