भारत

सिक्किम क्षेत्र में भारतीय सीमा के अंदर चीनी सैनिकों के घुसने के बाद तनाव अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया है। हालात की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है कि भारत के शीर्ष सैन्य अफसर इलाके में कैंपिंग कर रहे हैं। इन अधिकारियों में 17वीं डिविजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग भी शामिल हैं। दोनों देशों के सैनिकों के बीच धक्कामुक्की की घटना के बाद भारतीय अधिकारी और दिल्ली स्थित सैन्य मुख्यालय हर घंटे हालात पर पैनी नजर रखे हुए है।

वहीं, मौके पर भारत और चीन, दोनों के ही करीब एक-एक हजार सैनिक बीते दस दिनों से आमने-सामने हैं। मंगलवार को सिक्किम-भूटान-तिब्बत से सटे डोका-ला इलाके में तनाव जारी रहा। दोनों ही पक्षों के सैनिक अपने-अपने पोजिशन पर जमे रहे। सेना ने मंगलवार को इस टकराव पर कोई आधिकारिक टिप्पणी तो नहीं की, मगर सूत्रों के अनुसार चीनी सेना के जवान विवादित इलाके में सड़क निर्माण के भारी-भरकम साजोसामान के साथ मौजूद हैं। इससे पहले, बीते 20 जून को दोनों देशों के कमांडरों के बीच हुई फ्लैग मीटिंग असफल रही और कोई निष्कर्ष नहीं निकला।

क्या है विवाद की वजह-
दरअसल, चीनी सेना इस इलाके में सड़क निर्माण करने की कोशिश कर रही है। चीन पहले ही सामरिक लिहाज से बेहद अहम माने जाने वाले चुंबी घाटी इलाके में सड़क बना चुका है, जिसे वह और विस्तार देने की कोशिश कर रहा है। यह सड़क भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर या कथित ‘चिकन नेक’ इलाके से महज पांच किमी दूर है। यह सिलिगुड़ी कॉरिडोर ही भारत को नॉर्थ ईस्ट के राज्यों से जोड़ता है। इसी कारण से भारतीय सैनिकों ने पीएलए के जवानों को विवादित इलाके में निर्माण कार्य करने से रोक दिया, जो टकराव की वजह बन गया है।