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पिछले कुछ इकनोमिक रिफॉर्म्स को लेकर आलोचना झेल रही सरकार के लिए राहत की खबर आई है. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी एचएसबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अगले 10 सालों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. फर्म ने कहा है कि भले ही हाल में किए गए रिफाॅर्म ने इकोनाॅमी को प्रभावित किया है, लेकिन मध्य अवधि में अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में आ सकती है.

पिछले इकोनोमिक सुधारों का असर अच्छा नहीं 

एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले कुछ रिफाॅर्म्स का असर भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं था. जीडीपी ग्रोथ भी कम हो गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रोथ ट्रेंड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अगले 10 सालों के भीतर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. एचएसबीसी ने कहा है कि पिछले रिफाॅर्म्स की वजह से कुछ समय तक इकोनाॅमी की स्थिति थोड़ी चिंताजनक जरूर रहेगी. फर्म ने सुझाव दिया है कि मध्य अवधि के दौरान भारत को इसकी छुपी क्षमता के प्रदर्शन का मौका दिया जाना चाहिए.

भारत का ग्रोथ ट्रेंड है बेहतर

फर्म ने कहा कि भले ही भारत की जीडीपी फिलहाल वैश्विक जीडीपी के मुकाबले महज 3 फीसदी हो, लेकिन भारत का ग्रोथ ट्रेंड बेहतर स्थिति में है. यही ट्रेंड रहा तो भारत अगले दशक में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ देगा. फर्म ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट मेें कहा है कि भारत अब दो हिस्सों में बंटा हुआ है. इसमें एक धीमी रफ्तार से बढ़ रहा है. तो दूसरा तेजी से बदलाव करेगा.

 रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि पहला हिस्सा वित्त वर्ष 2018 और 2019 तक दिखेगा. भारत का यह पहला हिस्सा जीडीपी की धीमी विकास दर और कई क्षेत्रों की विकास दर के तौर पर दिखेगा. लेकिन दूसरे हिस्से में स्थिति सुधरेगी. एचएसबीसी के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 के बाद भारत विकास की रफ्तार पकड़ेगा. भारत का यह हिस्सा ज्यादा आकर्षक और बेहतर होगा. एचएसबीसी ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2017-18 के बीच भारत की विकास दर 6.5 फीसदी रह सकती है. वहीं, 2019-20 के बीच यह 7 फीसदी तक पहुंचेगी.

वित्त वर्ष 2019-20 तक ये लघु अवधि की परेशानियां खत्म हो जाएंगी और इकोनाॅमी रफ्तार पकड़ेगी. फर्म ने कहा है कि हमारा अनुमान है कि इसके बाद जीएसटी ही जीडीपी ग्रोथ में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी करने में मदद करेगा. इसके अलावा अन्य रिफाॅर्म्स का रिजल्ट भी इस दौरान दिखेगा और विकास की रफ्तार बढ़ेगी.