हैदराबाद, 17 मई 2021

तेलंगाना में 18 साल के एक युवक ने कोरोना संक्रमित होने के बाद 11 दिन पेड़ पर बिता दिए। इस युवक ने ये कदम इसलिए उठाया, ताकि परिवार के अन्य लोग संक्रमित ना हो सकें। छोटा घर होने की वजह से ये युवक घर में आइसोलेट नहीं हो सकता था, इसलिए इसने पेड़ पर ही अपना डेरा डाल लिया। ये युवक उन लोगों के लिए मिसाल है, जो कोरोना प्रोटोकॉल का ठीक से पालन नहीं करते और संक्रमित होने के बाद भी खुद को लोगों से अलग नहीं करते।

परिवार का ध्यान रखते हुए पेड़ पर किया खुद को आइसोलेट

नालगोंडा जिले के अदाविदेवुलपल्ली मंडल के कोठानंदिकोंडा गांव के रहने वाले रामावत शिव नाइक हैदराबाद के एक कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। कॉलेज बंद होने की वजह से वो गांव आए हुए थे। घर पर रहकर परिवार की मदद करने के लिए शिव ने किसानों से धान खरीदने के लिए गांव में राज्य सरकार द्वारा स्थापित धान खरीद केंद्र में ‘हमाली’ (कुली) के रूप में काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान उनकी तबियत खराब हो गई। कोरोना के लक्षण नजर आने पर टेस्ट कराया जो पॉजिटिव निकला। 4 मई को कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद शिव के सामने खुद को आइसोलेट करने की समस्या थी। घर में वो इसलिए आइसोलेट नहीं हो सकते थे, क्योंकि घर में माता-पिता के अलावा एक बहन भी थी। उनकी सेफ्टी का ध्यान रखते हुए शिव ने एक पेड़ के उपर ही अपना डेरा बना लिया और 11 दिन तक यहां खुद को सबसे अलग रखा।

एक कमरे के घर में रहता है शिव का परिवार

शिव का कहना है कि परिवार में उनके चार सदस्य हैं, जो एक कमरे के ही घर में रहते हैं। ऐसे में संक्रमित होने के बाद उनका घर में रहना काफी मुश्किल था। इसके अलावा एक ही शौचालय होने की वजह से भी वो परिवार के साथ नहीं रह सकते थे। शिव ने कहा, “मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था। मैं नहीं चाहता था कि मेरे परिवार के सदस्यों को मेरी वजह से परेशानी हो।” शिव का कहना है कि गांव के आसपास कहीं आइसोलेशन की सुविधा नहीं थी।