Mohammad ALi Jauhar University, Battle Tank, Indian Army Gift

नई दिल्ली, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान एक ओर जल निगम भर्ती घोटाले में पूछताछ का सामना कर रहे हैं तो दूसरी ओर रामपुर स्थित उनकी यूनिवर्सिटी को भारतीय सेना की ओर से बड़ा तोहफा दिया गया है.

सेना ने आजम के गृहनगर रामपुर में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को एक युद्धक टैंक गिफ्ट किया है जो 1971 में बांग्लादेश लिबरेशन वॉर के दौरान बसंतपुर की लड़ाई में अपना जौहर दिखा चुका है. जौहर यूनिवर्सिटी एक निजी शिक्षण संस्थान है, जिसे आजम चलाते हैं. आजम इस संस्थान के संस्थापक और चासंलर भी हैं.

सोवियत जमाने का T-55 नाम का यह युद्धक टैंक अब जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस की शोभा बढ़ाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक इस युद्ध टैंक को 1971 में बांग्लादेश में युद्ध के दौरान इस्तेमाल किया गया था. इसे भारतीय सेना में 1968 में शामिल किया गया और 2011 तक यह सेवा में रहा.

T-55 युद्धक टैंक का वजन 36 टन है और इसमें एक 100 एमएम कैलिबर गन, 2 7.62 कैलिबर मशीनगन और एक 2.7 एमएम एंटी-एयरक्रॉफ्ट गन लगे हुए हैं. यह रात में भी काम कर सकता है और खुद को किसी भी तरह के न्यूक्लियर, बॉयोलॉजिकल और केमिकल हमलों का सामना करने में सक्षम है.

2017 में, आजम ने दावा किया था कि सेना ने उनके निजी यूनिवर्सिटी को एक युद्धक टैंक गिफ्ट किया है. उन्होंने सेना से अनुरोध किया था कि एक प्रगतिशील युद्धक टैंक उनके यूनिवर्सिटी को दिया जाए जिससे सेना की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों के बारे में छात्र जान सके.

खान ने तब कहा था कि सेना के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं और उन्होंने और हथियार दिए जाने का अनुरोध किया है.

हालांकि खास बात यह रही कि उसी साल उन पर सेना के खिलाफ अपमानजनक बातें कहने के लिए राष्ट्रद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया गया था.