GST

भारत में सेवा क्षेत्र अगस्त के महीने में लगातार दूसरे महीने संकुचन से गुजर रहा है क्योंकि माल एवं सेवाकर जीएसटी लागू होने से कारोबारी गतिविधियां और नए ऑर्डर काफी प्रभावित हुए हैं। निक्की इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अगस्त में मामूली तौर पर सुधरकर 47.5 रहा है, जो जुलाई में 45.9 था।

यह लगातार दूसरा महीना है, जब सेवाक्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई है। पीएमआई इंडेक्स का 50 से नीचे रहना संकुचन और इससे ऊपर रहना वृद्धि को इंगित करता है। आईएचएस मार्किट की प्रमुख अर्थशास्त्री पॉलीयाना डी लीमा ने कहा है कि,’अगस्त में सेवा क्षेत्र ने निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नीचे खींचने का काम किया है।’ विनिर्माण उत्पादन में वृद्धि के चलते सेवा क्षेत्र की कारोबारी गतिविधि में कमी आई है।

गौरतलब है कि रेटिंग एजेंसी फिच ने जुलाई में दावा किया था कि नई कर प्रणाली की जटिलताओं को अपनाने में अगले 12 महीने का समय लग सकता है। इससे अर्थव्यवस्था में क्रियान्वयन का जोखिम बना रहेगा और अनुपालन कमजोर बना रहेगा। फिच के अनुसार परंपरागत खुदरा कारोबार और लघु एवं मझौले क्षेत्र में यह स्थिति बनी रहेगी।

फिच ने कहा था कि जीएसटी संभवत: वाहन, सीमेंट और संगठित खुदरा क्षेत्र के लिये फायदेमंद हो सकती है, मगर तेल एवं गैस और लघु एवं मध्यम उद्योगों पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।

गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद केन्द्र सरकार ने संसद में रखे गए आर्थिक सर्वेक्षण के हवाले से कहा था कि 2016-17 में 6.75 से 7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि के अनुमान के उच्चतम दायरे 7.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का हासिल होना मुश्किल होगा। सर्वेक्षण के जरिए सरकार ने माना था कि यह मुश्किल रुपये की विनिमय दर में तेजी, कृषि ऋण माफी और माल एवं सेवा कर जीएसटी को लागू करने से संबंधित शुरुआती चुनौतियों के कारण होगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से कहा था कि जीएसटी लागू करना महज सहकारी संघवाद के सिद्धांतों और टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका के चलते पूरा किया गया है। यह टैक्स सुधार अबतक का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है, जो आने वाले दिनों में देश को नई उंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार किया गया है। पीएम मोदी ने कहा है कि देश में जीएसटी लागू करने से ट्रांस्पोर्ट सेक्टर में 30 फीसदी से अधिक एफिशिएंसी देखने को मिली है। यह जीएसटी की सबसे बड़ी जीत है।