Indian Army

जम्मू, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर तीन आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में शामिल दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने रविवार को मार दिया गया था। तीसरे आतंकी का शव मिलने के बाद पुलवामा में सर्च ऑपरेशन खत्म हो गया है।

लेथपोरा क्षेत्र में 2017 के अंतिम दिन आतंकियों ने बड़े हमले को अंजाम दे दिया। 2016 के पठानकोट एयरबेस पर हमले की तर्ज पर सीआरपीएफ कैंप पर किए फिदायीन हमले में पांच जवान शहीद हो गए और तीन अन्य घायल हो गए। 14 घंटे चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकी मार गिराए।

रविवार शाम करीब चार बजे सीआरपीएफ, राष्ट्रीय राइफल्स व राज्य पुलिस के कैंप में घुसे आतंकियों के सफाए का अभियान खत्म हुआ। दो आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। और आतंकियों के मारे जाने की आशंका है। तलाशी अभियान जारी है। एहतियात के तौर पर पुलवामा में इंटरनेट सेवा रोक दी गई और श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर ट्रैफिक भी रोका गया।

पाक आतंकियों के आने तक भोगना पड़ेगा, वैद जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से कश्मीर में आतंकी खतरे की सूचनाएं मिल रही थीं। अब तक उन्हें मौका नहीं मिला था। हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए वैद ने कहा, ‘जब तक पाकिस्तान आतंकी भारत में भेजता रहेगा, सुरक्षा बलों व कश्मीर की जनता को यह भोगना पड़ेगा।

जानिए, कब क्या हुआ

-पुलवामा में सीआरपीएफ की 185 वीं बटालियन के कैंप में आतंकी शनिवार देर रात घुसे।

-गेट पर तैनात संतरियों ने उन्हें ललकारा तो ग्रेनेड से हमला किया और अंधाधुंध फायरिंग करते हुए कैंप में घुसे

-संतरियों के साथ उनका जमकर संघर्ष हुआ। यहीं तीन संतरी घायल हो गए। जिन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

-कुछ देर परिसर में फायरिंग करने के बाद आतंकी एक इमारत में घुस गए। यहां आतंकियो की गालीबारी में चौथा जवान शहीद हो गया।

-सीआरपीएफ के पीआरओ राजेश यादव ने बताया कि आतंकी भारी हथियारों से लैस थे। इस कैंप के पास ही जम्मू-कश्मीर पुलिस का प्रशिक्षण केंद्र है। एक जवान की दिल का दौरा पड़ने से मौत। मुठभेड़ के दौरान पांचवे जवान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। हमले में घायल तीन अन्य जवानों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

पठानकोट में भी जैश ने ही किया था हमला जैश ने ही 2 जनवरी 2016 की रात पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था। नए साल के शुरू में ही हुए इस हमले में 7 सैनिक शहीद हो गए थे। तब 80 घंटे तक मुठभेड़ चली थी। शहीद जवान फिदायीन हमले के शहीदों की पहचान कांस्टेबल शरीफुद्दीन गनेई निवासी चडूरा (बड़गाम), इंस्पेक्टर कुलदीप राय निवासी टिक्कर खतरियां हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश), हेड कांस्टेबल तुफैल अहमद निवासी दादासनी बाला (राजौरी), कांस्टेबल राजेंद्र नैन निवासी गौरीसर चुरू (राजस्थान), कांस्टेबल प्रदीप पांडा निवासी गांव लिपलाय, राजगंगापु, सुंदरगढ़ (ओडिशा) के रूप में हुई।

जबकि घायलों में कांस्टेबल नरेंद्र कुमार, कांस्टेबल मालम समाधन, कांस्टेबल माला राम शामिल हैं।

मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फिदायीन हमले को राज्य का नुकसान चाहने वालों की कायराना कार्रवाई करार दिया है। मुख्यमंत्री ने शहीद जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ उनके शोकाकुल परिवारों को सांत्वना दी।

उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने भी आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। मोदी की विदेश नीति विफल : कांग्रेसकांग्रेस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने पुलवामा हमले पर प्रतिक्रिया में कहा, पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति फेल हो गई है। बार-बार ऐसे हमलों से संदेश मिलता है कि राष्ट्रविरोधी ताकतों को इसका भय नहीं है।