कानपुर : एलएलआर अस्पताल (हैलट) में मंगलवार को सभी एक्स-रे मशीनों ने काम करना बंद कर दिया। मरीज और उनके तीमारदारों को बाहर से महंगे रेट पर जांच करानी पड़ी थी। डिजिटल और सामान्य एक्स-रे मशीनें पहले से ही गड़बड़ चल रही थीं। पोर्टेबल मशीन से किसी तरह काम चल रहा था। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सरकार ने मशीनों के रखरखाव के बजट में कटौती कर दी है, इससे कंपनियां मरम्मत के लिए राजी नहीं हैं। प्रमुख अधीक्षक बिल्डिंग में बने रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर में एलएलआर अस्पताल, बाल रोग चिकित्सालय और जच्चा बच्चा अस्पताल से रोजाना 200 से 220 लोग एक्स-रे के लिए आते हैं।

पहला मामला : कन्नौज के छिबरामऊ के मो. साजिद अपनी पत्नी तबस्सुम के कमर का एक्स-रे कराने के लिए आए थे। उन्हें कमर में दिक्कत के चलते डॉक्टरों ने डिजिटल एक्स-रे लिखा था। मशीनें खराब होने की वजह से उन्हें लौटना पड़ा था।

दूसरा मामला : कानपुर देहात के झींझक निवासी महेंद्र पाल का दस साल का बेटा शाश्वत छत से गिरकर घायल हो गया था। डॉक्टरों ने उसके दाएं हाथ में प्लास्टर बांधा था। मंगलवार को प्लास्टर कटने के बाद डॉक्टरों ने एक्स-रे कराने के लिए कहा। मगर एक्स-रे मशीनें खराब होने की वजह से उन्हें भी निराश होकर वापस लौटना पड़ा था।

एसआइसी डॉ. आरसी गुप्ता के अनुसार शासन ने मशीनों के रखरखाव को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं। अब तक मशीनों की मरम्मत के लिए कंपनी को उसकी कीमत का पांच फीसद बजट मिला करता था। नई व्यवस्था में बजट तीन फीसदी कर दिया गया है। अब कंपनियां मरम्मत के लिए तैयार नहीं हो रही हैं। किसी तरह मशीनों को सुधारा जाएगा।