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केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आज दूसरा दिन है। इस बंद के पहले दिन ही दूध और सब्जियों की सप्लाई पर खासा असर पड़ा और कुछ जगहों पर इनकी कीमत में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। देश का अन्नदाता सड़कों पर उतर आया है। राष्ट्रीय किसान महासंघ ने केन्द्र सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों के विरोध में देश के 22 राज्यों में 1 जून से 10 जून तक हड़ताल का ऐलान किया है। वहीं कई राज्यों में किसानों ने सब्जियों सहित दूध सड़कों पर गिरा दिया। किसान सब्जियों के न्यूनतम मूल्य, समर्थन मूल्य और न्यूनतम आय समेत कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। किसानों ने 1 से 10 जून तक के दिनों को अलग-अलग ढंग से विरोध करेंगे। आज भी कई जगहों पर प्रदर्शन के आसार हैं।

ये हैं किसानों की मांगें

  • फसल की लागत का डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य दिया जाए
  • किसानों को कर्जमुक्त किया जाए।
  • छोटे किसानों की एक आय निश्चित की जाए।
  • फल, दूध, सब्जी को समर्थन मूल्य के दायरे में लाकर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य दिए जाए।
    जानिए कहां कैसा असर
    पंजाब
    फरीदकोट में किसानों ने सड़कों पर फल और सब्जियों को फेंककर विरोध जताया। वहीं होशियारपुर में किसानों ने सड़कों पर दूध बहा कर और सब्जियां फेंक कर विरोध किया गया।
    हरियाणा
    हरियाणा में भी किसानों ने सब्जियों की सप्लाई बंद कर दी है और यहां भी विरोध देखने को मिला। किसानों द्वारा मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन का कुरुक्षेत्र में मिलाजुला असर देखने को मिला। भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि देश के करीब 172 किसान संगठन इस आंदोलन में शरीक है। किसान आंदोलन के तहत अपने उत्पादन अनाज, सब्जी, दूध, चारा शहर में बेचने के लिए नहीं जाएगा।
    महाराष्ट्र
    महाराष्ट्र में भी किसानों की हड़ताल का असर देखने को मिला। हड़ताल के कारण दूध और सब्जियों की सप्लाई रोक दी गई है। वहीं, पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर किसानों ने 40 हजार लीटर दूध बहा कर विरोध जताया।
    मध्यप्रदेश
    राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने किसान अपनी मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक ‘ग्राम बंद’ अभियान चलाएंगे। हालांकि राज्य में माहौल शांतिपूर्वक है। इसमें किसान गांव से अनाज, सब्जी, फल, दूध लेकर शहर नहीं जाएंगे। गांव के बाहर वे इन चीजों को बेचेंगे लेकिन शहर में नहीं आएंगे। यहां भारतीय किसान मजदूर संघ, किसान यूनियन, किसान जाग्रति संघ के पदाधिकारियों ने किसानों से घर घर जाकर संपर्क किया हैं। जिले के बरेली, सिलवानी, बेगमगंज, मंडीदीप, ओबेदुल्लागंज, सांची, गैरतगंज, सुल्तानपुर सभी जगह प्रशासन ने आंदोलन से निपटने की तैयारी कर रखी हैं।