रोनी

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने बड़ी राहत दी है और इसमें भारत कीबड़ी जीत हुई है। 18 साल बाद फिर से पाकिस्तान को मुहं की खानी पड़ी है और एक बार फिर फैसला भारत के पक्ष में आया है। अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में पाकिस्तान का दावा ख़ारिज कर दिया गया है। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाए रखने का आदेश दिया है।

कुलभूषण जाधव पर जस्टिस रोनी अब्राहम सुना रहे थे जज ने फैसला पढ़ना शुरू किया है और कहा कि, ‘पाकिस्तान को संधि का पालन करना चाहिए। जाधव को कानूनी मदद मिलनी चाहिए। संधि के तहत राजनयिक मदद मिलनी चाहिए। जाधव की गिरफ़्तारी विवादित मुद्दा थी।

जज ने आगे फैसला सुनते हुए कहा कि, ‘अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट को सुनवाई का अधिकार है।’ साथ ही ये भी कहा है कि अगर पाकिस्तान ये फैसला नहीं मानेगा तो उस पर प्रतिबन्ध लगाया जायेगा।’

जस्टिस रोनी अब्राहम ने फैसला सुनाते हुए कहा कि,’जाधव को जासूस बताने वाला पाकिस्तान का दावा नहीं माना जा सकता। कुलभूषण को गिरफ्तार करना विवादित मामला था। भारत को 25 मार्च को गिरफ्तारी के बारे में बताया गया। भारत ने कई बार एक्सेस काउंसलर की मांग की। भारत ने वियना संधि के तहत ही अपील की है। पाकिस्तान ने काउंसलर एक्सेस ना देकर गलती की। भारत की मांग वियना संधि के तहत सही है। उसे अपने नागरिक की कानूनी मदद का अधिकार है। जाधव मामले में वियना कंवेंशन लागू होता है। इंटरनेशनल कोर्ट को जाधव केस की सुनवाई करने का हक है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान ने अदालत में जो भी दलीलें दीं, वे भारत के तर्क के आगे कहीं नहीं ठहरतीं। वियना संधि के तहत भारत को कुलभूषण जाधव तक कॉन्सुलर एक्सेस मिलना चाहिए। अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगी रहनी चाहिए। पाकिस्तान जाधव के खिलाफ आगे कोई कार्रवाई ना करे और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करे।’

जज रॉनी अब्राहम ने भारत और पाकिस्तान को वियना संधि का हवाला दिया। जासूसी को वियना संधि से बाहर रखने का पाकिस्तान का दावा खारिज किया। इंटरनेशनल कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाई।