kuldeep yadav

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में धर्मशाला में कुलदीप यादव का टेस्ट कैप पहनने के बाद उन्होंने अपने नाम एक खास उब्लब्धि हासिल की। भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में खेलने वाले पहले चाइनामैन गेंदबाज बने जिसके बाद कुलदीप यादव के यहां जाजमउ स्थित घर में जश्न का माहौल है।
कुलदीप यादव के पिता रामसिंह यादव ने कहा, ‘‘आज हमारे परिवार का बरसों का सपना पूरा हो गया। ’’
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पदाधिकारी, कुलदीप के कोच और पूर्व खिलाड़ी काफी खुश है।
कुलदीप को सिखाने वाले उसके कोच कपिल पांडेय ने कहा ,‘‘आज मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया। पिछले 12 साल से मैं जिस बच्चे को ट्रेनिंग दे रहा था आज वह भारत के लिये टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है। ’’

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के निदेशक एस के अग्रवाल ने कहा, ‘‘आज यूपीसीए के लिये काफी खुशी का दिन है कि आज उसका एक और खिलाड़ी भारतीय टीम में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर रहा है। पूरे यूपीसीए की तरफ से कुलदीप यादव को बधाई और हम भविष्य में कुलदीप को सम्मानित भी करेंगे।’’

कुलदीप के पिता ने कहा, ‘‘मेरे बेटे को शुरू से ही क्रिकेट का काफी शौक था और इसी को देखते हुये मैने नौ-दस साल की उम्र से ही उसे क्रिकेट की कोचिंग दिलानी शुरू कर दी थी। क्रिकेट के प्रति उसकी लगन और समर्पण से मुझे उम्मीद थी कि यह भारतीय टीम की तरफ से खेलेगा और आज के दिन मेरे लिये सबसे खुशी का दिन है कि आज मेरा बेटा देश के लिये पहला टेस्ट मैच खेल रहा है। ’’

कुलदीप के कोच ने कहा, ‘‘जब वह दस साल की उम्र में मेरे पास आया था तो मैंने इसे अन्य बच्चों की तरह ही ट्रेनिंग देनी शुरू की लेकिन कुछ समय बाद जब मैने इसकी गेंद को पिच पर घूमते हुए देखा तो मुझे लग गया कि इस बच्चे में कुछ खास है और फिर मैने इस पर मेहनत शुरू की और आज अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहा है। आज मैं कुलदीप की कामयाबी से काफी खुश हूं इसमें उसकी कड़ी मेहनत भी जुड़ी है। वह बायें हाथ से लेग स्पिन (चाइनामैन) गेंदबाजी करता है जो अपनी तरह में काफी अलग है। ’’