kumar vishwas

आम आदमी पार्टी के भीतर बीते कुछ समय से जारी शीत युद्ध बड़ा रूप लेता जा रहा है। अमानतुल्ला खान, दिलीप पांडेय और दीपक बाजपेयी के सीधे हमलों के बीच सोशल मीडिया पर कुमार विश्वास को बड़े नेताओं का साथ न मिलने की वजह से पार्टी के अंदरूनी विवाद को सतह पर ला दिया है। पार्टी नेताओं की व्यक्तिगत बयानबाजी के बाद अब कुमार विश्वास को कार्यकर्ताओं की ओर से तीखे हमले भी झेलने पड़ रहे हैं।

पॉलिटिकल अफेयर कमिटी की विवादित बैठक में राजस्थान के प्रभारी बनाए जाने के बाद से ही कुमार विश्वास और केजरीवाल कैम्प के बीच तालमेल की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कुमार विश्वास राजस्थान के चुनावी मैदान में अकेले युद्ध लड़ रहे हैं? हाल ही में राजस्थान प्रभारियों के साथ पार्टी दफ्तर में हुई बैठक खत्म होने के बाद कुमार विश्वास उसी दफ्तर में मौजूद पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात किए बिना ही लौट गए और पार्टी के नेताओं ने भी उनसे मिलना उचित नहीं समझा।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी में विवादों की ताली दोनों हाथों से बज रही है। कुमार विश्वास के कई बयान हैं पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पसंद नही आ रहे हैं। इधर हाल ही में कुमार विश्वास ने पर्यवेक्षकों की बैठक में कहा था कि कार्यकर्ताओं को ‘Back To Basic’ पर लौटना होगा। अपने ऊपर हो रहे तीखे हमलों पर जवाब देते हुए विश्वास ने यह भी कहा कि उन्हें अंदर और बाहर दोनों ओर से हो रही साजिशों के खिलाफ लड़ना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी कोई अच्छा यज्ञ होता है, तो खर, दूषण और तड़का जरूर आते हैं। पिछली बार मिली हार से पार्टी के तमाम कार्यकर्ता वाकिफ हैं। वे 5 लोगों की राजमहलीय, बंगले वाली राजनीति और षड्यंत्र के लिए नही बनें हैं। वे खुद को रामलीला और जंतर मंतर में बना हुआ बताते हैं।

विवाद यहीं थमता नहीं दिख रहा क्योंकि ट्विटर पर ‘आप राजस्थान’ नाम का एक अकाउंट चुनाव तैयारियों से जुड़ी पोस्ट शेयर कर रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि सामान्य कार्यकर्ताओं के ट्वीट को शेयर करने वाली ‘आप’ की सोशल मीडिया फौज कुमार विश्वास के कैंपेन को आगे नहीं बढ़ा रही है। कुमार विश्वास की टीम ने ट्विटर पर ‘#BacktoBasic’ अभियान शुरू कर दिया है, मगर अब तक कुमार विश्वास को छोड़कर किसी बड़े नेता ने इसे री-ट्वीट या शेयर नहीं किया है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अकाउंट पर भी कुमार की गतिविधियां नहीं दिख रही हैं। जबकि इसी अकाउंट पर पंजाब चुनाव से संबंधित काफी सूचनाएं और कार्यक्रम शेयर होते थे।