दिल्ली :  रामनाथ कोविंद (राष्ट्रपति )- बिहार के राज्य्पाल रहे रामनाथ कोविंद को देश का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। प्रणब मुख़र्जी के बाद राष्ट्रपति पद पर विराजमान होने वाले रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति हैं। कानपूर देहात में जन्मे और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने वाले रामनाथ कोविंद ने अपनी राजनैतिक पारी की शुरआत कॉलेज के चुनाव से ही की थी। इसके बाद कोविंद आरएसएस के संपर्क में आये और उनसे जुड़े। कोविंद को आरएसएस से जोड़ने का श्रेय जाता है मोरारजी देसाई को। मोरारजी देसाई कोविंद के पिता मैकू लाल के अधिक नज़दीक थे इसलिए मोरारजी ने हमेशा कोविंद को आरएसएस में एक बेहतर पद पर रखा। आरएसएस के साथ रहते हुए ही रामनाथ कोविंद बिहार के राज्य्पाल नियुक्त हुए। हैरानी ये है कि देश के 14 वे राष्ट्रपति का पद सँभालने वाले रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति के चुनाव से पहले किसी भी भी चुनाव में जीत नहीं हासिल हुई थी। विपक्ष हमेशा से ही इस बात का आरोप लगाता रहा है कि कोविंद को राष्ट्रपति बनाने में आरएसएस की एक अहम भूमिका है। पर देश को अपने नए राष्ट्रपति से नव चेतना और नयी तरक्की की आशा है।

वैंकेया नायडू (उपराष्ट्रपति ) देश में राष्ट्रपति के पद के लिए रामनाथ कोविंद के नाम के एलान के बाद हाल ही में उपराष्ट्रपति के चुनाव के नतीजे भी सामने आ गए हैं। मोदी जी के कैबिनेट के शहरी विकास मंत्रालय की ज़िम्मेदारी निभा रहे वैंकेया नायडू को देश का अगला उपराष्ट्रपति बनाने की आधिकारिक घोषणा हो गयी है और आज नायडू उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। वैंकैया नायडू का बचपन बड़े ही संघर्षों में बीता था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के मुताबिक़ नायडू एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। आलम ये था कि उनके पास एक समय पढ़ाई के लिए भी पैसे नहीं थे पर नायडू ने कभी हिम्मत नहीं हारी और आरएसएस से जुड़ गए थे। अपनी अल्पावस्था में नायडू आरएसएस के कार्यालय में ही रहते और सोते थे। पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक के बाद जब अमित शाह ने उनके नाम का औपचारिक ऐलान किया तथा तो वो भी नायडू के संघर्ष और लगन को याद करते दिखे थे।

 

नरेंद्र दामोदर दास मोदी (प्रधानमंत्री ) – प्राचीन से वर्तमान तक के सभी प्रधानमंत्री में सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध और सफल प्रधानमंत्री की उपलब्धि हासिल करने वाले नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को वडनगर (गुजरात ) में हुआ था। शुरआत में मोदी अपने पिता के साथ रेलवे स्टेशन में चाय बेचने का काम करते थे। शुरआत से ही पिता के आज़ादी के लिए बताये संघर्ष इनके लिए प्रेरणा स्त्रोत बने। युवावस्था में ही मोदी आरएसएस के साथ देशकल्याण में जुड़ गए। आरएसएस में रहते हुए इनकी लगन को देखते हुए इन्हे गुजरात लोक संघर्ष समिति का अध्यक्ष बनाया गया। ये वो दौर था जब प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। इसके बाद मोदी भाजपा के संपर्क में आये और आगे चलकर गुजरात के मुख्यमंत्री बने। आरएसएस का सदस्य होने के कारण इनकी छवि हिंदूवादी बन गयी थी। जिसकी वजह से गुजरात दंगे में इन्हे मुख्य आरोपी के तौर पर देखा गया था। आरएसएस के सदस्य रहे मोदी आगे चलकर देश के अबतक के सबसे पसंदीदा और प्रसिद्ध प्रधानमंत्री बने।

प्राचीन में आरएसएस के सदस्य रहे ये लोग वर्तमान में देश के तीन सर्वोच्च पदों पर आसीन हो गए है पर ये महज एक संयोग हैं या सुनोयोजित ये तो पता नहीं पर देश को मोदी के बाद कोविंद और नायडू से भी बड़ी उमीदें हैं और हम कामना करते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ ही हमारे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी राष्ट्रकल्याण में अपनी अहम भूमिका अदा करेंगे।