PM Modi, Amit SHah, Adarsh Gram Yojna, Report Card Of Ministers

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 11 अक्तूबर 2014 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्म दिवस के मौके पर लांच की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना को प्रधानमंत्री के अपनों ने ही पलीता लगा दिया है। आदर्श ग्राम योजना प्रधानमंत्री की फ्लैगशिप योजना है और प्रधानमंत्री खुद इस योजना में बहुत दिलचस्पी दिखा रहे हैं। देश-विदेश के दौरों पर व्यस्त होने के बावजूद प्रधानमंत्री ने अपने ससंदीय क्षेत्र वाराणसी में तीनों चरणों में गांव गोद लिए हैं और वह अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना की रिपोर्ट पी.एम.ओ. के जरिए मंगवा रहे हैं।

अगामी लोकसभा चुनाव में मंत्रियों और भाजपा सांसदों को टिकट आबंटन के पैमाने में इस योजना की सफलता भी एक पैमाना होगा। यदि मंत्री और सांसद प्रधानमंत्री की इस योजना को ही सही ढंग से लागू न करवा पाए तो ऐसे मंत्रियों और सांसदों की टिकट पर भी तलवार लटकने की संभावना है। वैसे भी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने अपने सांसदों व मंत्रियों की जमीनी रिपोर्ट मंगवानी शुरू कर दी है और इस जमीनी रिपोर्ट में मंत्रियों व सांसदों की अपने क्षेत्र में सक्रियता के अलावा सांसदों का केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में सहयोग को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।

माना जा रहा है कि अमित शाह ने जिस प्रकार राज्य विधानसभाओं व दिल्ली नगर निगम के चुनावों में विधायकों व पार्षदों के प्रति जनता का गुस्सा कम करने के लिए टिकट काटे हैं, वैसा ही फार्मूला मंत्रियों व सांसदों पर भी लागू हो सकता है।

इन 9 मंत्रियों ने भी डुबोई लुटिया
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल भाजपा की सहयोगी पार्टी के बिहार से नेता मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा, दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भाजपा सांसद व पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन सिंह, राज्यसभा सदस्य, वित्त राज्यमंत्री, आदिवासी मामलों के मंत्री जुआल औरम व जसवंत सिंह भमौर, शिपिंग राज्यमंत्री पी. राधाकृष्णन, आयुष राज्यमंत्री श्रीपद नाईक, पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास राज्यमंत्री डा. जतिन्द्र सिंह और रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन ने भी तीसरे चरण में गांव गोद लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है।