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हाइफा, गुरुवार की दोपहर पीएम मोदी ने हाइफा में पहले विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य से इजरायल के हाइफा की हिफाजत करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय जवानों को प्रश्रद्धांजलि दी। 99 सालों बाद यह पहला मौका है जब भारतीय प्रधानमंत्री शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने हाइफा पहुंचा है।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद रहे।

गुरुवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू ने येरूशलम से हेलिकॉप्टर के जरिए हाइफा के लिए उड़ान भरी। हाइफा पहुंचने के बाद दोनों नेताओं ने शहीदों को सलामी दी और मौन रहकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान बैंड ने भी श्रद्धांजलि धुन बजाई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीदों के स्मारक पर पुष्पअर्पित किए।

आपको बता दें कि 23 सितंबर 1918 को पहले विश्व युद्ध के दौरान भारतीय जवानों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए आधुनिक हथियारों से लैस ओटोमन तुर्कों के खिलाफ लड़कर हाइफा की हिफाजत की थी। घुड़सवार भारतीय सैनिकों ने तलवार और भालों से ही दुश्मन सेना को शिकस्त दी थी। इस दौरान कई भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

आज भी इस दिन को इजरायल में हाइफा दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही भारतीय सेना भी इस दिन अपने जवानों के शौर्य को सलाम करती है।

आज पीएम मोदी का इज़राइल में तीसरा और आखिरी दिन है।