PM Modi

नई दिल्ली, आज बुद्धवार को जनसंघ के बड़े नेता नानाजी देशमुख की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 10 ग्रामीणों से रुबरु हुए.  दिल्ली के पूसा में इंडियन एग्रिकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम ने  गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात कही.

 मोदी बोले कि शहर को गांवों के लिए मार्केट बनना चाहिए. साथ ही ये सलाह भी दी कि दीपावली के दिये गांव के कुम्हार से ही खरीदें.

पीएम ने बताया कि सरकार का लक्ष्य 2022 में किसानों की आय को दोगुना करने का है. किसान की लागत कम और मुनाफा कम करना है. खुले में शौच के खिलाफ सरकार का कैंपेन काम कर रहा है. अब शौचालय का नाम अब गांवों में ‘इज्जतघर’ हो गया है रही है.

मोदी ने कहा कि नानाजी देशमुख को जानता नहीं था, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई. पीएम ने कहा कि जयप्रकाश के आंदोलन के कारण ही दिल्ली की सत्ता हिल गई थी. जब जेपी पर हमला हुआ तो नानाजी देशमुख ने उस हमले को झेल लिया और हाथ की हड्डी टूट गई. लोकनायक जयप्रकाश युवाओं के लिए प्रेरणा है.जय प्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख ने देश में गरीबों के लिए काम किया. महात्मा गांधी ने जिस आंदोलन की शुरुआत की थी, उसकी बागडोर जेपी ने संभाली थी.

 ग्रामीण संवाद ऐप हुई लॉन्च

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ‘ग्राम संवाद ऐप’ को लांच किया. इस app के ज़रिये इस बात की निगरानी की जा सकेगी कि सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए जो योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, वो ग्राम पंचायत स्तर पर किस तरह काम कर रही हैं. सरकारी योजनाओं को जिले के स्तर पर ठीक से लागू किया जा सके इसके लिए एक पोर्टल भी लांच किया गया. मोदी, नानाजी देशमुख के नाम पर एक डाक टिकट भी जारी किया.

इन दस हजार लोगों में सेल्फ हेल्प ग्रुप, ग्राम पंचायतों से आए प्रतिनिधि, जल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से अलावा वो लोग शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिला है. प्रधानमंत्री उन लोगों से भी बातचीत करेंगे, जिन्होंने गांवों में काम आने वाले नए अविष्कार किए हैं.

कौन थे नानाजी देशमुख

नानाजी देशमुख के नाम से मशहूर जनसंघ से प्रसिद्ध नेता चंडिकादास अमृतराव देशमुख की आज  जन्मशती जंयती को मोदी सरकार धूमधाम से मना रही है. नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को हुआ था और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने और समाजिक कार्यों के लिए सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. खास बात ये है इसी दिन जयप्रकाश नारायण का भी जन्म हुआ था, जो उनके सहयोगी रहे थे.