Opposition Parties March. देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियां संसद से लेकर ईडी कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला लेकिन उन्हें विजय चौक पर ही रोक दिया गया। विपक्षी दलों की मांग है कि गौतम अडानी मामले में जेपीसी यानि संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराई जाए। इसके अलावा कुछ और मुद्दों को लेकर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर हैं। वहीं इस मार्च से टीएमसी और एनसीपी ने दूरी बनाई है।

दिल्ली पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

विपक्षी दलों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने ईडी कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी है और नेताओं से कहा है कि वे प्रोटेस्ट को खत्म नहीं करते हैं तो धारा 144 के तहत उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने अलग-अलग समूहों में ईडी ऑफिस जाने और शिकायत दर्ज कराने की प्लानिंग की है। विपक्षी दलों की प्रमुख मांग है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर अदानी केस की जांच जेपीसी से कराई जाए।

बीजेपी ने कहा भ्रष्टाचारियों का मार्च

भारतीय जनता पार्टी ने फिर से राहुल गांधी पर निशाना साधा है और इस मार्च को भ्रष्टाचारियों का मार्च करार दिया है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक की और इस मुद्दे पर संयुक्त रणनीति बनाई। विपक्ष इस बात पर एकजुट है कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच ज्चाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी से कराई जाए।

कांग्रेस ने लगाए आरोप

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम जांच के लिए ईडी को ज्ञापन देने जा रहे हैं लेकिन हमें विजय चौक से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। खड़गे ने कहा कि सरकार सिर्फ एक आदमी को सरकारी संपत्ति खरीदने के लिए पैसा दे रही है। पीएम किसी ऐसे व्यक्ति को प्रोत्साहित कर रहे हैं जिसके पास पहले कम संपत्ति थी लेकिन अब वह 13 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिक हो चुका है। यह कैसे हुआ, सरकार को बताना पड़ेगा। अडानी और पीएम मोदी के बीच क्या संबंध हैं।

विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का काम कर रही है। हम 17-18 विपक्षी पार्टियां एक ज्ञापन देना चाहते हैं और हम 200 आदमी हैं, जबकि सरकार ने यहां दो हजार पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं। सरकार के इशारे पर हमें रोका जा रहा है लेकिन हम शिकायत देंगे।