रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO ने एक बेहद अत्याधुनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर भारत को रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी मजबूती दी है। डीआरडीओ ने बुधवार को ओडिशा तट के पास कम दूरी की  बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल का नाम है ‘प्रलय’। डीआरडीओ ने जारी एक बयान में बताया, “भारत ने ओडिशा तट के पास कम दूरी की, सतह से सतह पर मार करने में सक्षम निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का सफल परीक्षण किया।”

DRDO द्वारा विकसित यह ठोस-ईंधन, बैटलफील्ड मिसाइल भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के पृथ्वी डिफेंस व्हीकल पर आधारित है। सूत्रों ने बताया कि एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुबह करीब साढ़े दस बजे प्रक्षेपित की गई मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। ‘प्रलय’ 350-500 किमी कम दूरी की, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जिसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है।

क्या हैं प्रलय मिसाइल की खासियतें

इस मिसाइल की खासियत की बात करें तो यह जमीन से जमीन पर प्रहार करते समय बेहद सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। यह कम दूरी की मिसाइल दुश्मन पर करीब 500 किलोमीटर तक प्रहार करने की ताकत रखती है। DRDO के मुताबिक प्रलय मिसाइल अपने साथ 1000 किलोग्राम वजन तक का विस्फोटक ढोने में सक्षम है।

चीन की मिसाइलों पर है निशाना!

रिपोर्ट्स की मानें तो इस मिसाइल को विकसित करने की बात 2015 से हो रही थी। डीआरडीओ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बैलेस्टिक मिसाइल प्रलय का जिक्र किया था। इस मिसाइल की सटीकता इसे चीन की बैलेस्टिक मिसाइलों का सामने में पूरी तरह सक्षम बनाती है। इसे जमीन के साथ-साथ कनस्टर से भी दागा जा सकता है। प्रलय मिसाइल दूसरे शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइलों की तुलना में ज्यादा घातक बताई जा रही है।

गौरतलब है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन पिछले कुछ समय से लगातार एक से बढ़कर एक नई अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण करता आ रहा है। एलएसी पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच डीआरडीओए ने इसी महीने अग्नि-5 समेत कई भारी-भरकम बैलेस्टिक से लेकर क्रूज मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।