देहरादून, 3 सितम्बर 2021

पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व को ‘पंज प्यारे’ कहकर गलती स्वीकार करने वाले ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (AICC) के महासचिव हरीश रावत ने शुक्रवार को गुरुद्वारे में झाड़ू लगाया और लोगों के जूते साफ कर प्रायश्चित किया। उन्होंने पहले ही माफी मांग ली थी और गुरुद्वारे में सफाई की बात कही थी। रावत ने उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में खटिमा के पास नानकमत्ता गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं के जूते साफ किए।

रावत ने मंगलवार को चंड़ीगढ़ में पंजाब कांग्रेस भवन में हुई बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और उनके चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का इस्तेमाल किया था। सिख परंपरा में ‘पंज प्यारे संबोधन गुरु के पांच प्यारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह और उनके पांच अनुयायियों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी।

बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर रावत ने ‘पंज प्यारे’ टिप्पणी के लिए गलती स्वीकार की। रावत ने लिखा, ”कभी कभी सम्मान जाहिर करने के लिए आप ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर जाते हैं जिन पर आपत्ति उठ सकती है। मैंने भी अपने माननीय अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल कर गलती की है।”

रावत ने कहा कि वह देश के इतिहास के छात्र रहे हैं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ”मुझसे यह गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं।” रावत कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने राज्य उत्तराखंड में गुरद्वारे में सफाई कर अपनी इस गलती का प्रायश्चित करेंगे।

रावत ने कहा कि सिख धर्म और इसकी महान परंपराओं के प्रति उनमें हमेशा समर्पण और सम्मान की भावना रही है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने रावत की टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी और इसके लिए माफी की मांग की थी। शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने रावत की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की थी और मांग की थी कि लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए राज्य सरकार को उनके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए।