shani

कहते हैं कि शनि जिन पर प्रसन्न होते हैं उनकी ज़िन्दगी में खुशियों की बारिश कर देते हैं और जिन पर उनकी नज़र टेढ़ी हो जाए उसके जीवन पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ता है. शनि को हमेशा से ही क्रोधी प्रवृत्ति का माना जाता है. इसलिए अगर आपकी कुंडली में शनि कुपित है तो उसे शांत कराना अति आवश्यक है. आप भी जानिए कि साल 2018 में शनि की नज़र आप पर कैसी रहने वाली है.

मेष- नवें भाव में रजत के पाये पर शनि के होने से लाभ, शुभ, सफलता और आर्थिक वृद्धि होगी.

वृषभ– आठवें भाव में लौह के पाये पर शनि के भ्रमण से कष्ट, दुख, परिवार आदि में कलह, अड़चनों का संकेत, शनि की ढैय्या से प्रभावित होंगे.

मिथुन- सातवें भाव में तांबे के पाये पर शनि के होने पर धन-सम्पदा, लाभ देवी लक्ष्मी की कृपा के योग बन रहे हैं. वैवाहिक जीवन का प्रारंभ होगा तथा पत्नी सुख, शांति, आरोग्य काया और उन्नति मिलेगी.

कर्क-छठें भाव में सुवर्ण पाद पर शनि का भ्रमण सुख-दुख, लाभ-हानि, श्रम-संघर्ष की समान स्थिति रहेगी. पारिवारिक सुख में बाधा उत्पन्न होगी. धोखे का भय सताएगा. लगातार कई उतार चढ़ाव से परेशान रहेंगे.

सिंह-पांचवें में रजत के पाये पर शनि के भ्रमण से लाभ, सुख, आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक स्थिति सुखमय रहेगी.

कन्या- चतुर्थ भाव में लौह पाद पर शनि से अशांति, कलह और अड़चनें रहेंगी. व्यवसाय में लाभ कम, हानि अधिक होगी. सिर दर्द और छोटी-मोटी बीमारियों से परेशान रहेंगे.

तुला-तीसरे भाव में ताम्र के पाये में शनि भ्रमण से देवी लक्ष्मी की कृपा, उद्योग, व्यापार में उन्नति होगी. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. इस राशि के जातकों को शनि की कृपा से सभी श्रेष्ठमय, सुखमय स्थिति प्राप्त होगी.

वृश्चिक-द्वितीय भाव में रजत पाद पर शनि तथा पैरों की ओर से उतरती शनि की साढ़ेसाती शुभ, मंगल, लाभकारी, अर्थोपार्जन में वृद्धि होगी. प्रसन्नता रहेगी. मकान, वाहन, जमीन, प्रॉपर्टी में विस्तार, व्यापार में लाभ होगा.

धनु-प्रथम भाव में सुवर्ण पाद पर शनि रहेंगे. ह्रदय के मध्य भाग पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव सुखद नहीं है. आय से अधिक व्यय होगा. व्यापार में हानि के योग बनेंगे. श्रम तथा संघर्ष अधिक होगा. स्वास्थ्य की चिंता सताएगी. कहीं बाधा, कहीं असंतोष रहेगा. परिवार में अशांति होगी.

मकर-बारहवें भाव में लौह पाद पर शनि का भ्रमण. सिर पर शनि की साढ़ेसाती का दुखद प्रभाव रहेगा. कलह, कष्ट, विघ्न-बाधा के साथ-साथ परिवार के किसी सदस्य का विछोह संभव है. उद्योग व्यापार में अनिश्चितता रहेगी.

कुंभ-ग्याहरवें भाग में सुवर्ण पाद पर शनि रहेंगे. संघर्ष के बावजूद सफलता अनिश्चित रहेगी. मानसिक उद्विग्नता, उदासी, अशांति लेकिन व्यवसाय उद्योग में उन्नति के योग बन रहे हैं.

मीन-दसवें भाव में ताम्र पाद पर शनि भ्रमण करेंगे. धनाभाव से मुक्ति मिलेगी और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करेंगे. स्त्री सुख, परिवार में शांति बनी रहेगी. स्वास्थ्य लाभ, सहयोगी, मित्रों से प्रसन्नता के संबंध बने रहेंगे.