बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एमएलसी की सदस्यता को रद्द करने को लेकर एक याचिका दायर की गई। यह याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दी है। याचिकाकर्ता नीतीश कुमार के खिलाफ पटना जिले के बाढ़ इलाके में 1991 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता सीताराम सिंह की गोली मारकर हत्या करने का पटना हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है इसके बारे में बताया है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि नीतीश कुमार के खिलाफ आपराधिक मामला कोर्ट में चल रहा है और इस कारण वे किसी भी संवैधानिक पद पर आसीन नहीं हो सकते हैं।

नीतीश कुमार की सदस्यता को रद्द करने की मांग की गई है। मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि उन्होंने यह याचिका आरजेडी के कहने पर नहीं बल्कि निजी तौर पर दायर की है। नीतीश के खिलाफ चल रहे हत्या के इसी मामले को आधार बनाकर लालू प्रसाद की पार्टी ने नीतीश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने को कहा है।

इस मामले में नीतीश को कांग्रेस के स्थानीय नेता सीताराम सिंह की हत्या का आरोपी बनाया गया है। बता दें कि 1991 में बाढ़ लोकसभा चुनाव क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान सीताराम सिंह की हत्या हुई थी। इस दौरान चार अन्य लोग घायल हुए थे।

वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले कोई नहीं है। उनसे मुकाबले की क्षमता किसी में नहीं है। वह फिर जीतेंगे। भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने साफ कहा कि अगली बार भी केंद्र की सत्ता पर राजग के सिवाय कोई दूसरा काबिज नहीं हो सकता।