navratri bhog

नवरात्र मां दुर्गा के प्रति आस्था और विश्वास का व्रत है। इन दिनों मां के भक्त नौ दिनों तक, जप करते हैं जैसे विभिन्न अनुष्ठानों से माता को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद मांगते है। वैसे तो साल में चैत्र, आषाढ़, आश्वनि और माघ महीनों में चार बार नवरात्रि आती है। मगर चैत्र और आश्विन माह की नवरात्रि को प्रमुख माना जाता है।

जिसमें माता के भक्त प्रतिपदा से नवमी तक माता के अलग-अलग रुपों की पूजा अर्चना करते हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि 28 मार्च को शुरु हो रहा है और 6 अप्रैल तक खत्म होगा। चैत्र नवरात्र के साथ ही हिंदू संवत्सर भी प्रारंभ होने जा रहा है। ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्र प्रतिपदा से ही ब्रह्माजी से सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी।

नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व माना जाता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू हो चुका है। इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं। साथ ही इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को उनका पसंदीदा भोग चढ़ाकर मां का आशीर्वाद भी पाया जा सकता है।आइए जानें, नौ तिथि और नौ देवियों को किस दिन क्या भोग चढ़ाएं…

1.) मां शैलपुत्री: मां शैलपुत्री को सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है, यदि यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की बीमारी दूर होती है।

2.) मां ब्रह्मचारिणी: मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।

3.) मां चंद्रघंटा: मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और इसी का दान भी करें। ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं।

4.) मां कुष्मांडा: मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं। इसके बाद प्रसाद को किसी ब्राह्मण को दान कर दें और खुद भी ग्रहण करें। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता भी अच्छी हो जाएगी।

5.) मां स्कंदमाता: पंचमी तिथि के दिन पूजा करके भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है।

6.) मां कात्यायनी: षष्ठी तिथि के दिन देवी के पूजन में मधु का महत्व बताया गया है। इस दिन प्रसाद में मधु यानि शहद का प्रयोग करना चाहिए। इसके प्रभाव से व्यक्ति साधक सुंदर रूप प्राप्त करता है।

7.) मां कालरात्रि: सप्तमी तिथि के दिन भगवती की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है।

8.) मां महागौरी: अष्टमी के दिन मां को नारियल का भोग लगाएं। नारियल को सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।

9.) मां सिद्धिदात्री: नवमी तिथि पर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं, जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें। इससे जीवन में हर सुख-शांति मिलती है।