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रांची,  चारा घोटाले में आज रांची में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित 11 दोषियों के खिलाफ सजा के बिंदु पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हो रही है। सुनवाई को लेकर कोर्ट परिसर में भीड़ के मद्देनजर सुबह से ही पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा, वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद समेत सैकड़ों समर्थक कोर्ट पहुंचे हैं। कोर्ट परिसर में गहमागमी है। वीडिओ कांफ्रेसिंग रूम के सामने भीड़ लगी है।सभी को भीतर जाने से रोका गया है। वीडियो कांफ्रेसिंग ई कोर्ट रूम के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं। संगीनों के साये में लालू प्रसाद की सजा पर सुनवाई हो रही है। वकील को भी जाने से रोका गया है।

इससे पहले अाज लालू को चारा घोटाले में कम से कम सजा दिलाने की मांग उनके पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता चितरंजन सिन्हा ने अदालत से की है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में इसके लिए उन्होंने लालू के स्वास्थ्य संबंधित एक लिखित आवेदन कोर्ट को सौंपा। आवेदन में उन्होंने कहा है कि लालू का हृदय वाल्ब बदला गया है। 2014 में मुंबई में इसके लिए ऑपरेशन हुआ था। उनकी उम्र भी 70 के पार है। उच्च रक्तचाप, शुगर बढ़ा हुआ है। मेडिकल पर हैं।

सप्ताह में जांच होती है। स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करना पड़ता है। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि लालू प्रसाद के खिलाफ कोई सीधा आरोप नहीं है। वह पिछले 21 वर्षों से मुकदमा लड़ रहे हैं। करीब 1 साल जेल में भी रह चुके हैं, इन चीजों को देखते हुए उन्हें कम से कम सजा दी जाए। यह आवेदन उन्होंने दो दिन पूर्व दिया था, अदालत को जानकारी दी। मीडिया में भी आज बताया।

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डंटाधारी पुलिस दल सहित अन्य पुलिसकर्मी कोर्ट परिसर से लेकर कोर्ट के बरामदा और सिविल कोर्ट के दो प्रवेश द्वार पर तैनात हैं। अभी से ही पुलिसकर्मी चौकस हैं। कोर्ट परिसर में आने वालों पर नजर रख रहे हैं। कोर्ट परिसर में आने वाले लोगों से उनके आने का कारण भी पूछ रहे हैं, ताकि बिना काम का कोई व्यक्ति कोर्ट परिसर में अनावश्यक रुप से ना आ सके।

घंटों इंतजार करते रहे समर्थक, 1:15 बजे जेल से बाहर आए लालू
चारा घोटाला मामले की सुनवाई के लिए गुरुवार को फिर लालू यादव को पेशी के लिए कोर्ट ले जाया जाना था। सुबह से ही जेल गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई थी। इससे जेल गेट पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। इस बीच, बड़ी संख्या में लालू समर्थक भी जेल गेट पर जुटे थे। लोग लालू के निकलने का इंतजार कर रहे थे। घंटों इंतजार के बाद दोपहर 1:15 बजे लालू जेल से निकले। वे सूमो गाड़ी में अगली सीट पर बैठे थे।

 

समर्थकों की भीड़ का अभिवादन स्वीकारते हुए हाथ हिलाते हुए वह आगे बढ़े। जब तक लालू की कार एक किलोमीटर दूर नहीं चली गई, लालू समर्थक दौड़ते रहे। लालू को पांच एस्कॉट वाहन सुरक्षा घेरे में कोर्ट ले गए। इससे पहले जेल गेट पर कई बार कार्यकर्ताओं ने जेल गेट से आधा किलोमीटर दूर लगी बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश की। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी। एक बार लालू समर्थकों से तीखी नोंक-झोंक भी हुई। हालांकि, वहां मौजूद डीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों ने सभी को समझा, बुझाकर वापस भेजा।

पहले दिन फजीहत हुई, तो बढ़ा दी सुरक्षा :

बुधवार को बिना पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के लालू को जेल से कोर्ट ले जाए जाने पर हुई फजीहत के बाद प्रशासन ने लालू के लिए सुरक्षा बढ़ा दी थी। जेल गेट पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई थी। साथ ही लालू को ले जाए जाने वाले निर्धारित रूट के सभी चौक-चौराहों पर जिला बल के पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। उनकी सुरक्षा में सिल्ली डीएसपी सतीश चंद्र झा, सदर इंस्पेक्टर दयानंद कुमार सहित कई इंस्पेक्टर और दारोगा स्तर के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी।