RERA

घर खरीदने वालों के लिए आज बहुत बड़ा दिन है क्योंकि आज से रियल एस्टेट कानून (RERA) लागू होने जा रहा है। घर खरीदने वालों के अधिकारों की रक्षा और इस क्षेत्र में पारदर्शिता के वादे के साथ रियल एस्टेट कानून (RERA) लाया गया है।

1 मई से इस कानून की 92 धाराएं प्रभावी हो जाएंगी। हालांकि अभी तक केवल 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ही इसके नियम को अधिसूचित किया है। गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमनदीव और दादर और नागर हवेली आदि ने ही अभी तक इस नियम को अधिसूचित किया है।

घर खरीदने वालों के लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है। सरकार ने रियल एस्टेट कानून (RERA) उपभोक्ता केंद्रित कानून के लागू होने को एक ऐसे युग की शुरुआत कही है, जहां उपभोक्ता ही सबसे अधिक महत्वंपूर्ण होगा।

रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनियों ने भी इस कानून का स्वागत किया है। कंपनियों का कहना है कि इससे भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर के काम करने के तरीके में महत्वपूर्ण रूप से बदलाव आएगा। आपको बता दें कि रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2016 को पिछले साल मार्च में संसद में पारित किया गया था और 1 मई से इस कानून की 92 धाराएं प्रभावी हो जाएंगी।

क्या है RERA?
रेरा लागू होने के बाद डेवलपरों को नए और पुराने प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रेरा के तहत अब डेवलपरों को वर्तमान में चल रहे उन प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन भी करवाना होगा, जिनके कंप्लेशन सर्टिफिकेट जारी नहीं हुए हैं। इसके साथ ही नए लॉन्च होने वाले प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन भी 3 महीने के भीतर प्राधिकरण में कराना होगा। रेरा के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्राधिकरण बनाना अनिवार्य है।

इस कानून के बाद यदि कोई बिल्डर किसी खरीदार के साथ धोखाधड़ी करता है, तो उसे तीन साल की सजा भी हो सकती है। इसके साथ ही बिल्डरों को खरीदारों से लिए गए पैसे का 70% पैसा प्रोजेक्ट अकाउंट में ही रखना होगा।