दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन करने से अपार धन, संपत्ति, यश और प्रतिष्ठा मिलती है. आज के ​दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. घर का माहौल शांति पूर्ण होना चाहिए. किसी भी प्रकार की क्लेश से बचना चाहिए. शास्त्रों में भी लिखा गया है कि जहां सुमति (सद्बुद्धि) वहां संपत नाना, जहां कुमति (दुर्बुद्धि) वहां विपत निधाना. इसके साथ ही पूरे घर को साफ कर नमक मिले पानी से पोंछा लगाएं, तत्पश्चात गंगाजल छिड़कें. मुख्य द्वारा पर आम अथवा अशोक के पत्तों का बन्दनबार लगाएं और रंगोली, सतिया, कलश, ॐ आदि शुभ चिन्हों से सजाएं. मुख्य द्वारा गंदा न रहे, वहां जूते, चप्पल आदि न रखें.

इस तरह करें नई मूर्तियों की स्थापना 
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि घर के उत्तर पूर्व, पूर्व मध्य, उत्तर मध्य स्थान पर आटे से चौक पूरें. वहां चौकी रखें उस पर लाल कपड़ा (धन संपत्ति प्राप्ति के लिए), पीला रंग कपड़ा (आध्यात्मिक उन्नति एवं चित्त और परिवार में शान्ति के लिए) बिछाएं . इसके बाद हल्दी से पीले चावल कर सतिया बनाएं और कलश में जल भरकर यहां रख दें. फिर गेहूं अथवा जौ, खील आदि रख कर मन में ॐ श्री गणेशाय नमः 5 बार बोल कर श्री गणेश जी की नई मूर्ति को रखें तत्पश्चात माता लक्ष्मी की नई मूर्ति को आदर पूर्वक उनका मन ही मन स्मरण कर स्थान दें. गायत्री मंत्र बोलते हुए मूर्तियों पर जल छिड़कें.
पुरानी मूर्तियों का इस तरह करें पूजन  
उसके बाद  लक्ष्मी-गणेश की पुरानी मुर्ति जिनकी वर्ष भर पूर्ण श्रद्धा भाव पूर्वक आपने पूजा की है, उन मूर्तियों की ओर मुखातिब होकर बड़े विनम्र भाव एवं श्रद्धा पूर्वक प्रार्थना करें कि हे श्री गणेश जी आपने पूरे वर्ष कृपा मुझ पर एवं मेरे परिवार पर की है, इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप इस नवीन मूर्ति में अपना स्थान ग्रहण करें, इसी प्रकार मां लक्ष्मी, विष्णु जी एवं अन्य देवी देवताओं का आवाहन कर स्थान दें. लक्ष्मी-गणेश की पुरानी मुर्तियों को यथास्थान पर ही विराजमान रहने दें. फिर लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्तियों को रोली से टीका लगाएं, श्री गणेश जी को डंडी वाले पान के पत्ते पर घर का बना हलुआ एवं बूंदी के लड्डू, दूब घास, साबुत सुपाड़ी, पीले गेंदे  के फूल, एक ऋतु फल आदि श्रद्धा पूर्वक अर्पित करें. इसी प्रकार माता लक्ष्मी को घर की बनी खीर, खोये की बर्फी, खील बतासे, कमल पुष्प, गुलाब पुष्प डंडी वाले पान के पत्ते पर रख कर अर्पित करें.
भूलकर भी न करें ये गलती 
इसके बाद पुरानी मूर्तियों पर भी रोली तिलक कर पुष्प, मिष्ठान, खील बतासे अर्पित कर, फिर श्री गणेश जी एवं माता लक्ष्मी जी की विभिन्न प्रकार से स्तुति कर आरती करें . 6 नवंबर दौज को पुरानी मूर्तियों को श्रद्धा पूर्वक प्रणाम कर उनके स्थान पर नए श्री गणेश जी एवं माता श्री लक्ष्मी जी को बैठाएं और पुरानी मूर्तियों को किसी अखबार अथवा पेपर में लपेट कर सुरक्षित रख दें और जब आपको मौका मिले  तब किसी साफ स्थान पर विसर्जित कर दें.  भूल से भी पुरानी मूर्तियों को इधर उधर न रखें अथवा गंदे पानी अथवा स्थान पर फेकें, यदि आप ऐसा करते तो आपकी वर्षभर की गई पूजा तो निष्फल होगी ही, साथ ही आपको पाप भी लगेगा, जिससे घर में विभिन्न प्रकार की परेशानियां आएंगी एवं दरिद्रता का वास आपके घर में हो जायेगा.