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नई दिल्ली, शुक्रवार को यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद शाम पांच बजे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को रोहतक के सुनारिया पीटीसी गेस्ट हाउस में लाया गया। जहाँ एक सरकारी डॉक्टर ने राम रहीम का मेडिकल परीक्षण किया। डॉक्टर ने जेल अधिकारियों को सुझाव दिया कि उनका मेडिकल परीक्षण एक मेडिकल बोर्ड द्वारा कराया जाए। इसके बाद जेल प्रशासन के आग्रह पर पीजीआई रोहतक ने एक मेडिकल बोर्ड का गठन कर राम रहीम का परीक्षण कराया जिसमें उसे डायबिटीज होने की बात सामने आई।

डीजी जेल केपी सिंह ने बताया कि मेडिकल टेस्ट हो जाने के बाद राम रहीम ने वहां मौजूद अधिकारियों से चाय की मांग की। राम रहीम को चाय पिलाए जाने के बाद रोहतक जिला जेल की एक बैरक में शिफ्ट कर दिया गया। जेल में राम रहीम को 1997 कैदी नंबर दिया गया है।

केपी सिंह ने बताया कि राम रहीम साथ में अपना कुछ खाना लेकर आया था। रात के करीब नौ बजे उसने वही खाना खाया। राम रहीम बैरक में काफी बैचेन था। उसके चेहरे का रंग उड़ा हुआ था। राम रहीम पूरी रात जागता रहा। उसने जेल में मिनरल वॉटर की बोतल की मांग भी की।

केपी सिंह के मुताबिक शनिवार की सुबह जेल मैनुअल के अनुसार ही उसे नाश्ता दिया गया और दोपहर को आम कैदियों को दिए जाने वाला खाना जिसमें दाल, रोटी, चावल और आलू की सब्जी थी, ही परोसा गया। जेल सूत्रों के मुताबिक राम रहीम ने रोटी नहीं खायी।

हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी ने जेल अधिकारियों पर जेल में गुरमीत राम रहीम को कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के आरोपों का खंडन किया है।

आपको बता दें कि खबर आ रही थी कि राम रहीम को जेल में पीने के लिए मिनरल वाटर की बोतल दी गई हैं। साथ ही एक सहायक भी उसे उपलब्ध कराया गया है। और उसे जेल में एक एसी रूम में रखा गया है।

इस बात को साफ करते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी ने कहा किराम रहीम के साथ एक आम कैदी की तरह ही बर्ताव हो रहा है। न उसे कोई सहायक दिया गया है और न ही बाहर से उसके लिए खाना मंगवाया गया है।