राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने इंडिया फाउंडेशन के सातवें ब्रेकफास्ट ब्रीफ्रिंग सत्र में विदेशी राजनयिकों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका संगठन ट्रोलिंग और नेट पर आक्रामक रवैये का समर्थन नहीं करता, क्योंकि यह गरिमा के अनुकूल नहीं होते हैं। बिना किसी भेदभाव के राष्ट्र और दुनिया की एकता ही हमारा लक्ष्य है।’

भागवत ने कहा कि ट्रोलिंग गरिमा के अनुकूल नहीं होते। हम ऐसे आक्रामक व्यवहार का समर्थन नहीं करते। हम ट्रोलिंग और नेट पर आक्रामक आचरण का समर्थन नहीं करते। भागवत ने कहा, ‘हाल के दिनों में साइबर-क्राइम की घटनाएं देखने-सुनने को मिली हैं, जो मुख्य रूप से किशोरों और छोटे बच्चों से जुड़ी हुई हैं। इसके अलावा, ट्रोलिंग भी एक बड़ी घटना बन गई है जो राजनीति में काफी फैल चुकी है। हम ट्रोलिंग और नेट पर आक्रामक आचरण का समर्थन नहीं करते।’

सरसंघचालक ने इस अवसर पर 50 से भी ज्यादा देशों के राजनयिकों से मुलाकात की और उनके साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की। आरएसएस प्रमुख मोहन भावगत ने समारोह के दौरान सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों में 1.70 सेवा परियोजनाएं चला रहा है। इस समारोह का आयोजन इंडिया फाउंडेशन ने किया था जिसके निदेशक राम माधव और प्रकाश हैं।