नमक

नमक (Salt) जिसे खाने में थोड़ी सी मात्रा में डालने से खाने में स्वाद आ जाता है। लेकिन क्या आपको पता है नमक आप पर धन वर्षा भी कर सकता है। जी हाँ, धनवर्षा। नमक का वास्तु शास्त्र में भी बहुत अधिक महत्व है। नमक (Salt) में गज़ब की शक्ति है जो आप के घर को सकारात्मक उर्जा से भर देती हैं।

नमक(salt) का प्रयोग नकारात्मक उर्जा को नष्ट करने में किया जाता है। इसके प्रयोग से नज़रदोष दूर किया जाता हैं। यदि आपके परिवार में किसी को नज़रदोश हो तो एक चुटकी नमक लेकर उसके ऊपर तीन बार घुमा कर बाहर फेंक दे इससे नज़रदोष खत्म हो जायेगा।

वास्तुशास्त्र के अनुसार शीशे के प्याले में नमक भरकर शौचालय और स्नान घर में रखना चाह‌िए इससे वास्तुदोष दूर होता है। इसका कारण यह है क‌ि नमक और शीशा दोनों ही राहु के वस्तु हैं और राहु के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने का काम करते हैं। राहु नकारात्मक उर्जा और कीट-कीटाणुओं का भी कारक माना गया है। ज‌िनसे घर में सुख समृद्ध‌ि और स्वास्‍थ्य प्रभाव‌ित होता है। शीशे के बर्तन में नमक भरकर घर के क‌िसी कोने में रखने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। राहु, केतु की दशा चल रही हो या जब मन में बुरे-बुरे व‌िचार या डर पैदा हो रहे हों तब यह प्रयोग बहुत लाभ देता है।

खड़े नमक को एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर अपने घर के दरवाजे पर लटकाने से घर के अंदर बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं कर पाती। कारोबर में उन्नत‌ि के ल‌िए इसे अपने व्यापारिक प्रत‌िष्ठान के मुख्य द्वार पर और त‌िजोरी के ऊपर लटकाना लाभप्रद माना जाता हैं। रात को सोते समय पानी में एक चुटकी नमक म‌िलकार हाथ पैर धोने से तनाव दूर होता है और नींद अच्छी आती है। राहु और केतु के अशुभ प्रभाव भी इससे दूर होते हैं।