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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पुराने नोट बदलने की तारीख को लेकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि लोगों को पुराने नोट बदलने के लिए दोबारा मौका क्यों नहीं दिया गया है? कोर्ट का कहना है कि जिस व्यक्ति का इसको लेकर कोई कारण था, उन लोगों का क्या हुआ।

केन्द्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के वक्त 30 दिसंबर 2016 तक प्रतिबंधित की गई करेंसी को बैंक में जमा कराने की डेडलाइन तय की थी। रिजर्व बैंक ने कहा था कि पुरानी करेंसी को 31 मार्च तक रिजर्व बैंक में जमा किया जा सकेगा। हालांकि उसने रिजर्व बैंक में जमा कराने वालों को यह वजह बताने की शर्त रख दी थी कि क्यों उक्त करेंसी को 30 दिसंबर 2016 तक नहीं जमा कराया गया।

केंद्र सरकार की ओर से एनआरआई लोगों के लिए ये आखिरी डेट 30 जुलाई तक है। वहीं बैंक 20 जुलाई तक पुराने नोट आरबीआई में जमा करवा सकते हैं। SC ने केंद्र सरकार को दो हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है।

0 दिसंबर से पहले नोट जमा नहीं कराने के मामले में दर्जनभर से अधिक याचिकाएं कोर्ट के सामने आई हैं। इसलिए कोर्ट अब इस आशय में लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला ले सकता है।

आपको बता दें कि नोटबंदी के ऐलान के वक्त 15.44 लाख करोड़ रुपये की प्रतिबंधित करेंसी सर्कुलेशन में थी जिसमें 8.58 लाख करोड़ रुपये की 500 की नोट और 6.86 लाख करोड़ की 1000 रुपये की करेंसी थी।