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शनि को बड़ा हाहाकारी देवता माना जाता है. बताते हैं कि जिसके पीछे पड़ जाते हैं उसे उजाड़ देते हैं. लेकिन वो अपने इतने बड़े उपासक के पीछे पड़ जाएंगे इसका पता तीन दिन पहले तक किसी को नहीं था. दाती महाराज अब भागता फिर रहा है. उसपर अपने आश्रम में एक बच्ची के साथ कई बार बलात्कार करने का आरोप है, पुलिस अब उसकी तलाश में भटक रही है.

मदन लाल जब बोलता था तो भक्तों को लगता था कि दर्द लावे की तरह बहता जा रहा है. मदनलाल ने अपनी महिमा की ऐसी ब्रांडिंग की कि सबको लगता जो दिया है उसी ने दिया है, और इस तरह आध्यात्म के एक कालखंड में सुंदर योग देखकर मदनलाल दाती महाराज में बदल गया.

दरअसल चार दिन पहले तक दाती प्रतिष्ठित और पूज्य बना हुआ था. लेकिन फतेहपुर बेरी के थाने में दर्ज एक एफआईआई बताती है कि दाती दरअसल खुराफाती है. दुनिया को डर से मुक्त करने का दावा करने वाला दाती अब दुनिया से मुंह छिपाता फिर रहा है. आरोप है कि 15 अगस्त 2013 को जब देश आजादी की सालगिरह मना रहा था तो उस दिन दाती ने एक बच्ची को अपने हवस के फंदे में दबोच लिया था.

पीड़िता के वकील प्रदीप तिवारी की मानें तो दाती अपनी हवस के मामले आसाराम का पक्का शिष्य था. पीड़िता को उसके पिता ने 10 साल पहले दाती के बालाग्राम गुरुकुल आश्रम भेजा था. ये आश्रम राजस्थान के पाली में है. दाती ने उसे देखा तो उसके सिर पर शैतान सवार हो गया, उसे पाली से दिल्ली के छतरपुर आश्रम बुलाया. आरोपों के मुताबिक वहीं उसने 15 अगस्त 2013 को पहली बार उसे रौंदा.

आरोप इतने संगीन हैं कि दाती से घिन्न आने लगती है. पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया है कि बाद में उसके दो शिष्यों ने भी दिल्ली आश्रम में कई बार दुष्कर्म किया था. तीनों ने राजस्थान आश्रम में भी उसकी गरीबी और आस्था का फायदा उठाया और धमकी दी कि अगर जुबान खोली तो सीधे मौत. दो साल तक लड़की सदमे में जीती रही. लेकिन एक दिन उसने परिवार को अपनी कहानी बताई तो धर्म के लबादे में एक लिजलिजा आदमी शनिधाम में खड़ा था.

दाती झूठ बोल रहा है कि वो जांच में सहयोग कर रहा है. सच ये है कि दाती के माथे पर शनिचर बैठ गया है. और दाती उर्फ मदनलाल भागता फिर रहा है. पुलिस उसके पीछे पड़ी है. पाली के आश्रम में हंगामा हो गया है. पाली जिले की सोजत तहसील के आलावास गांव स्थित गुरुकुल बालश्रम में 800 बच्चियां रहती हैं, इनमें अधिकतर अनाथ हैं, जिन्हें महाराज ने गोद ले रखा है. कुछ मां-बाप आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण बेटियों को हमेशा के लिए छोड़ गए.

दाती को लगता था कि जिनके पिता बेटियों की रोटी का बंदोबस्त नहीं कर सकते वो उसकी बदचलनी के खिलाफ आवाज क्या उठाएंगे. लेकिन कुदरत की लाठी में आवाज नहीं होती. दाती की पीठ पर पड़ी तो उसके पैरों में चक्र लग गया. शनि के खौफ को बेहया और बदलचलन मदनलाल ने टकसाल में बदल दिया था, लोग सोना-चांदी लुटाते थे.

देखते ही देखते वो अरबों के साम्राज्य का महाराज बन बैठा. दिल्ली के छतरपुर का शनि धाम की ही कीमत कम से कम 375 करोड़ रुपये है. लेकिन अब दाती एक दाग का नाम बन चुका है. इस दाग ने उसे बलात्कारी बाबाओं बदनाम गिरोह में शामिल कर दिया है.