जयपुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार अपने कार्यकाल के आखिरी बजट में जमकर घोषणा की। 19 जिले और 3 संभाग की ऐतिहासिक घोषणा के बाद अब सरकार जनता को बनाने में लगी है। लेकिन इसी बीच पिछले करीब ढाई साल से राजस्थान में चले आ रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की विवाद की स्थिति भी लगभग समाप्त होती नजर आ रही है। पार्टी के आलाकमान ने भी इसे लेकर तस्वीर साफ कर दी है हालांकि अभी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि इशारों इशारों में पार्टी आलाकमान सचिन पायलट की भूमिका को लेकर मैसेज दे चुका है।

बजट में यूं हीरो बन गए अशोक गहलोत

गौरतलब है कि इस बार जिस दिन बजट पास में सीएम अशोक गहलोत ने बड़ी-बड़ी ऐतिहासिक घोषणा की थी उसी दिन कांग्रेस के एआईसीसी ट्विटर हैंडल पर करीब एक डेढ़ मिनट का वीडियो जारी किया गया। जिसमें मारियो गेम में मारियो की जगह सीएम अशोक गहलोत को दिखाया गया। और अन्य कई योजनाओं का नाम भी था। हालांकि इसके जवाब में भाजपा ने भी एक वीडियो जारी किया। जिसमें सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए पेपर लीक सहित अन्य कमियां दिखाई गई।

सब सवाल-आखिरकार सचिन पायलट की भूमिका क्या होगी?

एआईसीसी टि्वटर हैंडल पर जारी वीडियो का भले ही आम जनता के लिए कोई खास फर्क नहीं पड़ता हो लेकिन राजनीतिक दृष्टि से यह काफी प्रभावी माना जा रहा है क्योंकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिस दिन राजस्थान में सीएम ने ऐतिहासिक घोषणा की उसी दिन पार्टी का उनके लिए इस तरह का प्रचार कई बड़े संकेत देता है। वही लंबे समय से कांग्रेस पार्टी का कोई भी केंद्रीय नेता राजस्थान में नहीं आया है। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पार्टी फिलहाल अभी इस पर काम नहीं करना चाहती है कि आखिरकार सचिन पायलट की भूमिका क्या होगी।

आने वाले चुनाव के वक्त का भी हो गया फैसला

लेकिन यदि आगामी 1 महीने में पार्टी आलाकमान सचिन पायलट की भूमिका तय नहीं करती है तो बचे हुए सरकार के कार्यकाल में भी उनके साथ कोई बदलाव नहीं होगा बदलाव, पार्टी सूत्रों का कहना है कि भले ही सचिन पायलट को इस बार चुनाव में स्टार प्रचारक राजस्थान के लिए बना दिया जाए लेकिन सीएम चेहरा तो मुख्यमंत्री होंगे….