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नई दिल्ली : बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी और संघ के नेताओं के खिलाफ अगली सुनवाई अब 6 अप्रैल को होगी। SC ने आज की सुनवाई में सभी पक्षों को लिखित में अपना पक्ष रखने को कहा है।

ये सुनवाई पहले कल यानी बुधवार को ही होनी थी लेकिन बेंच में जस्टिस रोहिंग्टन के नहीं होने की वजह से सुनवाई एक दिन के लिए टल गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने हुई पिछली सुनवाई में साफ कहा था कि पहली नज़र में इन नेताओं को आरोपों से बरी करना ठीक नहीं लगता. यह कुछ अजीब है।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ और रायबरेली के मुकदमों को एक ही कोर्ट में चलाने का सुझाव दिया था। अगर ऐसा किया जाता है तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, कल्याण सिंह जैसे कई बड़े नेताओं को साज़िश की धारा में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।

कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई को इस मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ समय पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करनी चाहिए थी। निचली अदालत ने तकनीकी आधार पर इन नेताओं को बरी किया था जिस पर हाइकोर्ट ने मुहर लगाई थी।

आपको बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में न्यायमूर्ति वी. हाजी महबूब अहमद और सीबीआई ने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के संबंध में कल्याण सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत 13 से साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के खिलाफ अपीलें दायर की थी।