रेसलिंग

अगले साल होने वाले कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में अपनी दावेदारी पेश करने के सुशील कुमार लिए रोजाना छह घंटे प्रैक्टिस कर रहे हैं। पिछले साल रियो ओलिंपिक्स मिस करने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि रेसलर सुशील कुमार अब शायद मैट पर नहीं दिखेंगे।

वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए मेंस फ्री स्टाइल और ग्रीको रोमन कैटिगरी के लिए ट्रायल का आयोजन 6 जुलाई को सोनीपत में जबकि विमिंस के लिए 7 जुलाई को लखनऊ में किया जाएगा। रेसलिंग फेडरेशन ने कहा है कि ऐसे रेसलर्स जिनका पूर्व में रेकॉर्ड अच्छा रहा हो और किसी कारणवश वह कैंप में शामिल नहीं हो पाए हों, वह भी ट्रायल के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सुशील 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद किसी इंटरनैशनल इवेंट में नहीं उतरे हैं। लेकिन देश के लिए ओलिंपिक्स में दो मेडल जीतने वाले इस इकलौते खिलाड़ी हैं। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने हाल ही में कहा था कि नैशनल कैंप में शामिल होने वाले प्लेयर्स को ही भारतीय टीम में जगह दी जाएगी।

सुशील से जब पूछा गया कि क्या वह कैंप में शामिल होने के लिए फेडरेशन से संपर्क करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘मैं पहले नैशनल चैंपियनिशप में हिस्सा लूंगा और इसके बाद लगने वाली कैंप के लिए उपलब्ध रहूंगा। मेरा पूरा फोकस कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स है। मैं इनमें मेडल हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।’

21 से 26 अगस्त के बीच पैरिस में वर्ल्ड चैंपियनशिप होनी है। लेकिन सुशील इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। सुशील के कोच सतपाल ने कहा, ‘रेसलिंग के लिए जरूरी फिजिकल और मेंटल टफनेस सुशील में कूट-कूटकर भरी है। किसी बड़ी प्रतियोगिता में उतरने से पहले वह अपनी तैयारियों को पुख्ता करना चाहते हैं। इस वर्ल्ड चैंपियनशिप से ओलिंपिक कोटा नहीं मिलेगा। अगर कोई जूनियर वहां जाए तो उसे अपने को साबित करने का मौका मिलेगा।’