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टीम इंडिया में चयन के लिए यो-यो फिटनेस टेस्ट इतना अनिवार्य हो गया है कि शानदार फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों को भी दरकिनार करने से बीसीसीआई को कोई गुरेज नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब खिलाड़ी के पास रन बनाने और विकेट लेने की क्षमता है, तो उनको यो-यो टेस्ट के चलते टीम से बाहर क्यों किया जा रहा है.

यो-यो टेस्ट के बिना भी इन दिग्गजों का रहा है दबदबा

एक समय ऐसा भी था जब खिलाड़ी इस टेस्ट के मोहताज नहीं थे और वह अपने शानदार प्रदर्शन की वजह से टीम में बने रहते थे. पाकिस्तान के इंजमाम उल हक, श्रीलंका के अर्जुन रणतुंगा और ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी डेविड बून जैसे अधिक वजन के खिलाड़ियों ने भी अपने देश के लिए बेहतरीन क्रिकेट खेला है.

यो-यो टेस्ट के बिना क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार रहे सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए 40 साल की उम्र तक क्रिकेट खेला और रनों का अंबार लगाया. इसके अलावा सचिन के साथ टीम इंडिया को विस्फोटक शुरुआत देने वाले वीरेंद्र सहवाग ने भी यो-यो टेस्ट के बिना भारत के लिए ढेरों रिकॉर्ड बनाए हैं.

इनफॉर्म रायडू के बाद अब रोहित पर भी लटकी तलवार

भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे पर तीन टी-20 मैच, तीन वनडे मैच और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. भारतीय टीम में चयन के लिए अब सभी खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट अनिवार्य हो गया है, लेकिन इस यो-यो टेस्ट के चलते टीम के कई स्टार खिलाड़ी बाहर हो रहे है.

यो-यो टेस्ट में फेल होने के चलते अंबति रायडू जैसा स्टार खिलाड़ी बाहर हो गया है. आईपीएल में रनों का अंबार लगाने वाले अंबति रायडू को भारत की इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली वनडे टीम से बाहर कर दिया गया था.

आपकों बता दें कि अभी रोहित शर्मा का भी यो-यो टेस्ट होना बाकी है और अगर रोहित भी यो-यो टेस्ट के चलते इंग्लैंड दौरे से बाहर होते है, तो टीम इंडिया को यह बहुत बड़ा झटका लगेगा.

शमी भी हो चुके हैं बाहर

यो-यो टेस्ट में फेल होने के कारण मोहम्मद शमी को अफगानिस्तान के खिलाफ हुए एकमात्र टेस्ट मैच के लिए टीम से बाहर कर दिया गया था.

बीसीसीआई की यह जिद भारतीय टीम के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती हैं, क्योंकि अगर ऐसे ही खिलाड़ी टीम से बाहर होते रहे तो भारतीय टीम को सीरीज भी इंग्लैंड में सीरीज भी गंवानी पड़ सकती है.