देवर

दिल्ली से सटे गुड़गांव में पुलिस ने दो आरोपियों को गैंगरेप और हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। एक फरार आरोपी की तलाश की जा रही है। यूपी के बुलंदशहर के रहने वाले हैं तीनों आरोपी। पीड़ित महिला ने अपनी दर्दनाक आप बीती सुनाई है। पीड़ित महिला ने बताया कि उसकी बच्ची मर गई और उसे पता भी नहीं चला।
पीड़ित महिला ने बताया कि पति से झगड़ा होने के बाद वह गुड़गांव के खांडसा गांव स्थित अपने मायके जा रही थी। इस दौरान उसने एक ट्रक से लिफ्ट मांगी। ट्रक ड्राइवर ने उसे लिफ्ट, तो दिया लेकिन उसके साथ बदसलूकी करने लगा। विरोध करने परट्रक ड्राइवर ने बेहद भीड़भाड वाले एनएच-8 पर उतार दिया। वह सड़क पर अकेले खड़ी थी।

नशे में धुत्त तीन लोग उसी दौरान एक टेम्पो में आये और उसे घर तक छोड़ने की बात कहने लगे। पूछने लगे कि मैं कहां जा रही हूं। उन्होंने मुझ पर हमला कर दिया मेरी बच्ची रोने लगी तो उन्होंने मुंह दबाकर चुप कराने का प्रयास किया।
पीड़ित महिला के मुताबिक बच्ची जब चुप नहीं हुई तो उन लोगों ने बच्ची को फुटपाथ पर फेंक दिया। महिला उनसे छोड़ देने की विनती करती रही और उनसे कहा कि मेरी बच्ची रो रही है। महिला के साथ चार घंटे तक बलात्कार करने के बाद वह भाग गए। यह जाने बगैर कि बच्ची मर चुकी है। महिला वहां गई जहां उसकी बच्ची को फेंका गया था। महिला ने बच्ची को उठाया और अस्पताल पहुंची।

अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची मर चुकी है। तब तक सुबह हो गई थी। 23 वर्षीय मां हार माने बगैरअपनी बच्ची का निर्जीव शरीर लेकर दिल्ली मेट्रो में चढ़ी और उसे लेकर दिल्ली के एम्स अस्पताल में दिखाने आई। बाद में वह गुड़गांव के एमजी रोड मेट्रो स्टेशन गई जहां उसका पति इंतजार कर रहा था। बेटी मर गयी है महिला को यकीन नहीं हुआ।

चार घंटे तक महिला के साथ सब कुछ होता रहा लेकिन उस सड़क पर पुलिस की परछाई भी नहीं दिखी। गुड़गांव के पुलिस आयुक्त खिरवार ने स्वीकार किया प्राथमिकी में बलात्कार की धारा जोड़ने में कुछ लापरवाही और गलती हुई है। पुलिस आयुक्त खिरवार ने कहा हम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे है। एक महिला उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

जांच के दौरान मेडिकल और अन्य प्रक्रिया में भी देरी हुई है। शुरूआत में पुलिस ने गैंगरेप का मामला दर्ज नहीं किया था। घटना के पांच दिन बाद उन्होंने प्राथमिकी में यह धारा जोड़ी। एक अधिकारी ने बताया कि विशेष जांच दल का गठन किया गया। जांच दल ने मैजिक टेम्पो में मौजूद योगेन्द्र और अमित को गिरफ्तार कर लिया एक आरोपी की तलाश है।

योगेन्द्र भी वारदात के दिन मैजिक टेम्पो में मौजूद तीन लोगों में था। तीनों लोग बच्ची की हत्या में शामिल है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार बच्ची की मौत मुंह-नाक बंद करने पर दम घुटने और बाहरी चोटों के कारण हुई है। तीनों ने महिला को लिफ्ट दी और उसे मानेसर में वारदात की जगह पर ले गए। वहां पर महिला के साथ गैंगरेप किया।

पुलिस को आरोपी योगेन्द्र ने बताया कि वे बीयर पी रहे थे। उन्होंने जब महिला को देखा तो वह नशे में थे। आईएमटी मानेसर चौक से तीनों महिला को एनएच-8 की सर्विस लेन में ले गए। सड़क की दूसरी ओर बने रिमझिम होटल से उन्होंने खाना लिया और मैजिक टेम्पो को सेक्टर-8 की बाहरी सड़क की ओर मोड़ लिया। उन्होंने फुटपाथ पर रो रही बच्ची को फेंक दिया।

गुड़गांव पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने बताया कि योगेन्द्र और अमित को गुड़गांव में उसके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि तिसरा आरोपी जयकेश अभी भी फरार हैं तीनों हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गुड़गांव आये थे। पुलिस ने स्वीकार किया कि जांच में गलती हुई है 29 मई को हुए गैंगरेप और हत्या के घटनाक्रम को जोड़ा है।