Donald Trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय के एक एमनेस्टी कार्यक्रम को मंगलवार को रद्द कर दिया है। यह कार्यक्रम अमेरिका में अवैध रूप से बच्चों के रूप में प्रवेश करने वाले प्रवासियों को वर्क परमिट प्रदान करता था। ट्रंप के इस कदम से 8 लाख ऐसे लोगों पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है, जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं। इनमें सात हजार से अधिक भारतीय अमेरिकी भी शामिल हैं।

अमेरिकी अटार्नी जनरल जैफ सेशंस ने इस मौके पर कहा कि, “आज यहां मैं यह घोषणा करने जा रहा हूं कि डीएसीए (डैफर्ड एक्शन फोर चिल्ड्रन अराइवल) के रूप में प्रसिद्ध प्रोग्राम को रद्द किया जा रहा है, जो पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय में लागू हुआ था।”

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से इस प्रकार की घोषणा की संभावना जताई जा रही थी और इसका ऐलान होने के बाद देश भर में काफी प्रदर्शन हुए थे। सैंकड़ों प्रदर्शनकारी ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए व्हाइट हाउस के सामने एकत्र हो गए थे।

सेशंस ने संवाददाताओं को बताया है कि न्याय विभाग ने राष्ट्रपति और गृह सुरक्षा विभाग को सलाह दी थी कि डीएचएस को व्यवस्थित तरीके से समाप्त किया जाना चाहिए, जिसमें इस कार्यक्रम को अधिकृत करने वाले मैमो को रद्द करना शामिल है। इस कदम को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हितों को पूरा करने वाली प्रवासियों की एक कानूनी व्यवस्था बनाने के लिए, यहां आने की इच्छा रखने वाले हर व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि, “यह खुली सीमा की नीति है और अमेरिकी लोगों ने इसे नकार कर ठीक ही किया है। इसलिए देश को बैठकर एक सीमा तय करनी चाहिए कि हर साल हम कितने प्रवासियों को प्रवेश दें और इसका मतलब यह है कि सभी को भीतर नहीं आने दिया जा सकता है।”

सेशंस ने आगे कहा, “इसका मतलब यह नहीं है कि वे बुरे लोग हैं या हमारा देश किसी भी तरीके से उनका अपमान कर रहा है. इसका मतलब है कि हम अपने कानूनों को सही तरीके से लागू कर रहे हैं, जिन्हें कांग्रेस ने पारित किया है.”

सेशंस ने जोर देकर कहा कि सभी आव्रजन नीतियां अमेरिका के लोगों के हितों की रक्षा करने वाली होनी चाहिए। डीएसीए छात्रों के लिए भारत कंट्री आफ ओरीजन में 11वें स्थान पर है। 31 मार्च 2017 तक उपलब्ध अमेरिकी सिटीजन एंड इमीग्रेशन सर्विस आंकड़ों के मुताबिक यह जानकारी दी गई है।

हाउस स्पीकर पाल रेयान ने कहा है कि अब जबकि डीएसीए को रद्द कर दिया गया है, तो और काम करने की जरूरत है और राष्ट्रपति ने कांग्रेस से काम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि, “राष्ट्रपति की घोषणा परमिट को तुरंत रद्द नहीं करती और यह महत्वपूर्ण है कि जो प्रभावित हैं, उन्हें अंतरिम अवधि को लेकर स्पष्टता है कि कैसे इसे पूरा किया जाएगा। मामले के केंद्र में युवा लोग हैं, जो इस देश में अपनी किसी गलती के बिना आए हुए हैं और उनमें से बहुत से लोगों के लिए देश के नाम पर यही एकमात्र देश है, जिसे वे जानते हैं।”

मगर डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के अध्यक्ष टाम पेरेज ने कहा है कि डीएसीए को रद्द करके ट्रंप ने अपनी इस छवि को पक्का कर लिया है कि वे क्रूरता के चैम्पियन हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि पहले उन्होंने प्रवासी माता-पिताओं से संरक्षण छीन लिया और अब वह उनके बच्चों के पीछे पड़े हुए हैं।