कोरोना संकट और ब्रेक्जिट की वजह से ब्रिटेन में पॉलिटिकल फोकस चेंज हुआ है। इस वजह से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत के गणतंत्र दिवस 2022 परेड में चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल होने का फैसला कर सकते हैं। वास्तव में गणतंत्र दिवस के परेड पर शामिल होने वाले गेस्ट का एक डिप्लोमेटिक महत्व है। यह वास्तव में किसी देश के बढ़ते महत्व को दिखाता है।

कोरोना संकट की वजह से दुनिया के कई देशों में स्थितियां बहुत बदली हैं। अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत से दोस्ती करना चाहते हैं। इस साल जून में बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को G7 समिट में शामिल होने के लिए ब्रिटेन बुलाया था। इसके साथ ही डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर एलेक्स एलिस को भारत में ब्रिटेन का राजदूत नियुक्त किया था। इस तरह के बदलाव से यह समझ में आता है कि ब्रिटेन भारत को अपना लंबी अवधि का सहयोगी बनाना चाहता है और द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती लाना चाहता है।

भारत से नजदीकी संबंध
पिछले करीब दो दशक से ब्रिटेन की सरकार भारत के साथ नजदीकी संबंध बनाना चाहती हैं, लेकिन इस बारे में कभी सरकारों ने खुलकर अपनी नियत का इजहार नहीं किया। ब्रिटेन पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया रखता है और अब तक लंदन चीन पर अधिक निर्भरता दिखाता रहा है। इस वजह से भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर उसका ध्यान नहीं जा पाया है।

भारत ने भी बदला रवैया

ब्रिटेन की उदासीनता की वजह से भारत ने रूस और फ्रांस के साथ अमेरिका जैसे देशों से अपने संबंध मजबूत करने पर ध्यान दे दिया था। ब्रिटेन में हाल में हुए नीतिगत बदलाव के बाद अब भारत पर फोकस बढ़ा है। वास्तव में ब्रिटेन को अगर चीन से छुटकारा पाना है तो उसके सामने भारत से रिश्ते मजबूत करने के अलावा कोई चारा भी नहीं है।

भारत से संबंध मजबूत करने पर ध्यान
ब्रिटेन ने हाल में ही संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के कश्मीरी आतंकवादी समूह जैश ए मोहम्मद को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित करवाने में काफी योगदान किया है। आतंकवाद की फाइनेंसिंग के मसले पर पाकिस्तान को घेरने और इसे रोकने के लिए दबाव बनाने में भी ब्रिटेन ने बड़ी भूमिका निभाई है। बोरिस जॉनसन की सरकार चीन के साथ अपने आर्थिक संबंध घटाना चाहती है और अपने क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में चीन की दखलअंदाजी कम करना चाहती है। हाल में ही ब्रिटेन की सरकार ने देश के 5G नेटवर्क में हुवेई के उपकरणों को बैन कर दिया है।

वीजा प्रोसेस आसान
हाल में ही भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटेन के वीजा नियमों में राहत दी गई है और भारत के कुशल श्रमिकों के लिए ब्रिटेन जाना आसान बनाया गया है। इन बदलावों से यह समझ में आता है कि भारत और ब्रिटेन के रिश्ते में मजबूती लाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं।