नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दावा किया कि आजादी के कुछ ही समय बाद जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आरएसएस से मदद मांगी थी। उन्होंने सेना को लेकर आरएसएस प्रमुख द्वारा की गयी विवादित टिप्पणी के बीच यह दावा किया।

उमा ने किया सीधा कुछ कहने से मना
उमा ने भागवत की टिप्पणी पर सीधा सीधा कुछ कहने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कश्मीर के राजा महाराजा हरि सिंह संधि पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे और शेख अब्दुल्ला ने हस्ताक्षर करने के लिए उनपर दबाव डाला। उन्होंने कहा कि नेहरू दुविधा में थे और फिर पाकिस्तान ने एकाएक हमला कर दिया और उसके सैनिक उधमपुर की तरफ बढऩे लगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, उस समय नेहरूजी ने गुरू गोवलकर (तत्कालीन आरएसएस प्रमुख एम एस गोवलकर) आरएसएस के स्वयंसेवकों की मदद मांगी। आरएसएस स्वयंसेवक मदद के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे।

आतंकवादी हमले पर भागवत ने दिया था बयान
बता दें कि जम्मू के आर्मी कैंप में हुए आतंकवादी हमले पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बड़ा बयान दिया था। अपने इस बयान में भागवत ने कहा है कि उनके पास भले ही मिलिट्री संगठन ना हो लेकिन अगर देश को कभी जरूरत पड़ी तो उनके स्वंयसेवक सेना से पहले ही 3 दिन में तैयार हो जाएंगे।