भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान सुरक्षा परिषद की व्यवस्था पर सवाल उठाए और इसमें बदलाव की मांग की। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि सुरक्षा परिषद के पांच सदस्यों को भी अन्य देशों के समान बनाया जाए। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में दुनिया में ‘शांति बनाए रखने के लिए विश्वास को बढ़ावा देने’ के विषय पर चर्चा हो रही थी। इसी चर्चा के दौरान रुचिरा कंबोज ने कहा कि अगर परिषद भविष्य में शांति बनाए रखना चाहती है तो पहले हमें इतिहास से सीख लेनी पड़ेगी।

भारत ने की सुरक्षा परिषद व्यवस्था की आलोचना की
रुचिरा कंबोज ने कहा कि ‘सुरक्षा परिषद की जो वर्तमान व्यवस्था है, उसमें पूरे अफ्रीकी महाद्वीप, लैटिन अमेरिका, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का प्रतिनिधित्व ही नहीं है। ऐसे में सुरक्षा परिषद के पांच सदस्यों को भी अन्य के समान बनाकर इसे ज्यादा समावेशी बनाया जा सकता है।’

‘ऐसे दुनिया में शांति नहीं आ सकती’
भारतीय प्रतिनिधि ने आगे कहा कि ‘सुरक्षा परिषद की मौजूदा व्यवस्था असमानता को मिटाती है या फिर इसे बढ़ावा देती है? दशकों से इसमें सुधार की बात की जा रही है लेकिन हम तब तक विश्वास और शांति नहीं ला सकते, जब तक सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों का जवाब नहीं ढूंढ लेते।’ कंबोज ने कहा कि परिषद के सदस्यों को ज्यादा जवाबदेय बनाने की जरूरत है। यह संस्था ज्यादा खुली, विविधता को साथ लेकर चलने वाली और खासकर इसमें दक्षिण का प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि सुरक्षा परिषद में विकासशील देशों को शामिल किया जाना चाहिए और इसमें बेजुबानों को आवाज देने की ताकत होगी, तभी यह दुनिया का नेतृत्व करने कर सकेगी। सुरक्षा परिषद में क्षेत्रीय मुद्दों को भी तरजीह देनी चाहिए और इसे क्षेत्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करना  चाहिए ताकि चुनौतियों से निपटा जा सके।