एनडीए (NDA) की सहयोगी दल निषाद पार्टी (Nishad Party) भी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) लड़ने की तैयारी कर रही है. इसी सिलसिले में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद देवरिया जिले के रुद्रपुर पहुंचे थे. संजय निषाद ने बर्दगोनिया गांव में आयोजित मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शिरकत की. कार्यक्रम के बाद उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब भी दिए.

 

सवाल- आज के राम कौन हैं?
जवाब- एनडीए के गठबंधन के बाद 2019 में तीनों पार्टी एक हो गई थी. उसके बाद भी संजय निषाद मोदी जी के साथ खड़े थे. निषाद पार्टी और बीजेपी एकसाथ लड़ रही है. एनडीए ने अपना लक्ष्य निर्धारित किया है. सीएम योगी आदित्यनाथ हमारे आरक्षण का मुद्दा उठाते रहते हैं. सब तय हो गया है. निषाद पार्टी कुल 52 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जीत होगी रामराज आयेगा. जैसे बिना खून खराबे के राम मंदिर बन रहा है. जब मैं नहीं था तब राजनीति में खून बहता था, कत्ल होते थे. किसान गन्ना का मूल्य लेने जाता था तो डंडे खाता था. मिलें बेच दी जाती थी. जब से मैं आया हूं मिलें नहीं बिक रही हैं. अब तो न निषाद पार्टी है ना बीजेपी है अब तो एनडीए लड़ रही है.

सवाल- लखीमपुर खीरी मामले पर प्रियंका गांधी ने कहा था कि जो पीड़ित है उनको पैसा नहीं उनको न्याय चाहिए?
जवाब- कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है. पार्टी नेताओं ने डूबते जहाज से कूदकर अपनी जान बचा ली है. देश ने बहुत लंबे समय तक कांग्रेस का साथ दिया.

 

राकेश टिकैत की भूमिका पर बोले संजय निषाद
राकेश टिकैत को लेकर संजय निषाद ने कहा मैं खुद उनसे मिलूंगा. निषाद ने कहा कि मैं उनसे कहूंगा कि लोकतंत्र पर विश्वास कीजिये. जब किसान बिल पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उसे स्टे कर दिया है तो आप अदालत पर विश्वास करो ना.

सवाल- ओमप्रकाश राजभर भी 2022 के विधानसभा चुनाव में साथ रहेंगे या नहीं?

जवाब- वह कहा जाएंगे राजभर की लड़ाई मैं लड़ रहा हूं. राजभर जाति को भी अनसूचित कर दी जाए उसकी लड़ाई मैं दिल्ली तक लड़ रहा हूं. इसका समाधान भी मैं कर रहा हूं.

सवाल- शिवपाल यादव भी आपके संपर्क में थे?

जवाब- मैं एक वोट बैंक का नेता हूं. अखाड़े के पहलवान मेरे पास है. हमारे पास कैश वाले नहीं कैडर वाले नेता हैं.