सपा सरकार के दौरान दिए जाने वाले यशभारती सम्मान को बंद करे के बाद उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान’ की शुरूआत की है। उत्तर प्रदेश दिवस 24 जनवरी को इस सम्मान समारोह का आयोजन होगा जिसमें उत्तर प्रदेश की ऐसे ख्यातिलब्ध हस्तियों जिन्होंने विभिन्न विधाओं एवं कार्य क्षेत्रों यथा कला व संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि में अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्टता के आयाम स्थापित करते हुए राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर गौरव हासिल किया हो, उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए 10 दिसंबर तक आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन जिला सूचना कार्यालय से लिए जा सकते हैं। सम्मान के रूप में 11 लाख रुपए के साथ अंगवस्त्र और ताम्रवस्त्र और मोमेन्टो भेंट किया जाएगा। सम्मान समारोह की स्मारिका भी प्रकाशित होगी। डीएम विजय किरण आनंद ने बताया कि शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत (गायन, वादन, नृत्य) ललित कलायें, नाट्य विधायें, फिल्म व मीडिया, समाजसेवा, समाज कल्याण, युवा कल्याण, महिला कल्याण एवं दिव्यांग कल्याण, कृषि, उद्यान, दुग्ध विकास, गोसेवा, पशुपालन, वन एवं वन्यजीव तथा पर्यावरण संरक्षण आदि में क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने वाले आवेदन कर सकते हैं। उद्यमिता, कौशल विकास, रोजगार सृजन, स्वावलंबन सहित अन्य क्षेत्रों (यथा शिक्षा, साहित्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल इत्यादि के क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान लोग जिन्हें स्क्रीनिंग समिति सुपात्र समझे उन्हें यह सम्मान मिलेगा।

 

सम्मान के लिए ये हैं शर्ते

गौरव सम्मान के लिए उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। विभिन्न विधाओं, कार्य क्षेत्रों के ऐसे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त महानुभाव, जिन्होंने अपनी प्रतिभा, दीर्घ साधना के आधार पर श्रेष्ठ उपलब्धि प्राप्त की हो। जिन्होंने देश एवं विदेश में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया हो। राज्य सरकार अथवा भारत सरकार से पूर्व में किसी अन्य राष्ट्रीय, राज्य पुरस्कार अथवा सम्मान प्राप्त महानुभाव को सामान्यतया इस पुरस्कार की पात्रता परिधि में नहीं रखा जाएगा।

पारदर्शिता पर जोर

उप्र गौरव सम्मान के लिए संस्तुतकर्ता द्वारा नामांकित लोगों को विशिष्ट उपलब्धियों का संपूर्ण विवरण स्पष्ट रूप से अंकित करते हुए निदेशक, संस्कृति निदेशालय को भेजा जाएगा। निदेशक, संस्कृति निदेशालय द्वारा परीक्षणोपरान्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्कीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव भेजा जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुतियों पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन लिया जाएगा।