उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में जीका के 30 और मामले सामने आए हैं, जिससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 66 हो गई है। लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की वायरोलॉजी लैब और पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में किए गए परीक्षणों से 30 नए मामले सामने आए हैं। 23 अक्टूबर को शहर में वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद से यह संक्रमण में एक दिन की सबसे बड़ी छलांग है।

नए मामलों में संक्रमितों में तीन महिलाएं और 27 पुरुष हैं। बुधवार तक चार लड़कियों समेत महिलाओं की संख्या 18 थी और तीन और संक्रमितों के साथ अब महिला मरीजों की संख्या 21 हो गई है। कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नेपाल सिंह ने कहा कि गुरुवार की नए मामलों की पुष्टि से जिले में कुल मामले बढ़कर 66 हो गए हैं जिनमें 45 पुरुष और 21 महिलाएं शामिल हैं। सिंह ने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वायरोलॉजी पुणे ने ताजा मामलों की पुष्टि की है। तीन दिन पहले सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे।

जीका एक मच्छर जनित वायरस है जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर की एक संक्रमित एडीज प्रजाति के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के दौरान काटते हैं।

  1. राज्य में जीका वाइरस का पहला मामला 23 अक्टूबर को कानपुर में भारतीय वायु सेना स्टेशन क्षेत्र से सामने आया था, जब एक वारंट अधिकारी संक्रमित हो गए थे। इसके बाद भारतीय वायुसेना के थाना क्षेत्र से तीन और मामले भी सामने आए। गुरुवार को पुष्टि किए गए 30 मामले भवानीपुर और कोयला नगर जैसे नए इलाकों से सामने आए हैं, जिसे स्वास्थ्य विभाग ने विशेष रुचि के क्षेत्रों के रूप में चिह्न्ति किया है।