देहरादून, 10 सितम्बर 2021

राज्यपाल बेबीरानी मौर्य के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में नए राज्यपाल की नियुक्ति हो चुकी है. गुरुवार को केंद्र सरकार की संस्तुति के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय सेना से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का नया राज्यपाल नियुक्त कर दिया है. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह शुक्रवार से शनिवार के बीच राज्यपाल का चार्ज संभाल सकते हैं. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह मशहूर डिफेंस एक्सपर्ट हैं. वो रक्षा और विदेश नीति से संबंधित टीवी डिबेट शो में हिस्सा लेते रहे हैं. साथ ही कई पत्र-पत्रिकाओं के जरिए भी रक्षा और सामरिक मुद्दों पर अपनी राय रखते रहे हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह भारतीय सेना में कई पदों पर रहे हैं. सिंह पूर्व डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, श्रीनगर में कॉर्प्स कमांडर, डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी डीजीएमओ जैसे अहम पदों पर रहे हैं. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक शीर्ष आर्मी ऑफिसर को उत्तराखंड जैसे सैन्य प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. चीन मामलों पर उन्हें जानकार विशेषज्ञ माना जाता है.

सोशल मीडिया में खासे सक्रिय हैं नए राज्यपाल
उत्तराखंड के नए राज्यपाल नियुक्त किए गए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सोशल मीडिया में खासे सक्रिय रहते हैं. अकेले ट्वीटर पर उन्हें तकरीबन 40000 लोग फॉलो करते हैं. लेफ्टिनेंट सिंह कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी राय ट्वीटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बेबाकी से रखते हैं.

चीन मामलों के विशेषज्ञ हैं जनरल सिंह
लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह भारतीय सेना में चार दशक की सर्विस के बाद साल 2016 में रिटायर हुए. भारतीय सेना में रहते हुए उनकी बेहतरीन सेवा के लिए उन्हें चार बार राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया. जिसमें दो गैलेंट्री और दो चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन अवॉर्ड शामिल हैं. उन्हें चीन मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. भारत-चीन संबंधों पर ही जनरल सिंह चेन्नई और इंदौर यूनिवर्सिटी से एमफिल कर चुके हैं. साथ ही भारत-चीन सीमा विवाद के मसले पर उन्होंने विशेष अध्ययन के लिए नौकरी के दौरान ही स्टडी लीव ली. इस दौरान उन्होंने देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशलन स्टडी से पढ़ाई की. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह​ चीन के साथ हुई सात रक्षा संबंधी अहम बैठकों में भी हिस्सा ले चुके हैं. चीन के सामने भारत का रक्षा संबंधी पक्ष रखने के लिए जनरल सिंह सात बार चीन की यात्रा कर चुके हैं.