हरिद्वार, 12 अप्रैल 2021

हरिद्वार में इसबार कुंभ का आयोजन करवाना पुलिस वालों के बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है। कोविड-19 की वजह से उनकी जिम्मेदारी बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है। लेकिन, इसके लिए वह इसबार हाई-एंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। उत्तराखंड पुलिस ने वहां कुंभ मेला इलाके में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) वाले कैमरे लगवाए हैं,जिससे मेले में चप्पे-चप्पे पर उसकी नजर रहती है। यही वजह है कि बिना मास्क वाले खुद को चाहे कितनी भी दूर ना समझें यह कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उसपर जूम कर लेते हैं और पुलिस उन्हें तुरंत पकड़ लेती है। सिर्फ मास्क ही नहीं मेले की सुरक्षा से जुड़ी हर गतिविधियों पर इस ‘तीसरी आंख’ की पैनी नजर होती है।

कुंभ मेला में बिना मास्क वालों पर रहती है ‘तीसरी आंख’ की नजर

हरिद्वार कुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक इलाके में 350 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से करीब 100 कैमरे ऐसे हैं जिसमें स्पेशल सेंसर लगे हुए हैं। जैसे ही इस कैमरे को कोई व्यक्ति बिना मास्क के दिखता है, यह उसकी तस्वीर फौरन खींच लेता है। हरिद्वार कुंभ में ऐसे कैमरे पहली बार लगाए गए हैं। जैसे ही इस कैमरे को बिना मास्क का कोई शख्स देखता है यह हरिद्वार की पौड़ी पर मौजूदा मेला भवन स्थित सर्विलांस कंट्रोल रूम में एक अलर्ट भेज देता है, जो उस शख्स के नजदीक मौजूद इंफोर्समेंट टीम को उसकी हरकत की जानकारी दे देता है। वह टीम फौरन उसके पास पहुंचती है, उसे सबसे पहले मास्क देती है और नियमों के हिसाब से उसे दंडित किया जाता है।

भगदड़ की आशंका वाली जगह की भी निगरानी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले ये कैमरे सिर्फ बिना मास्क वाले लोगों को ही नहीं पकड़ता, यह उस जगह पर भी नजर रखते हैं, जहां भगदड़ की आशंका रहती है। इसके अलावा इसकी नजर से पार्किंग भी अछूती नहीं रहती और ना ही कोई चीज 10 मिनट से ज्यादा लावारिस पड़ी रह सकती है। यह हर चीज पर नजर रखता है और उसकी सूचना कंट्रोल रूम तक भेजता रहता है। 350 में से 278 कैमरे अपने स्थान पर फिक्स हैं, जबकि 22 कैमरे ऐसे हैं, जो पैन हो सकते हैं, टिल्ट या जूम किए जा सकते हैं। 10 कैमरे एंट्री गेट पर लगाए गए हैं ताकि गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर की ऑटोमेटिक पहचान हो सके। कुंभ मेला के आईजी संजय गुंज्याल ने कहा है कि कोविड के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले कैमरे बहुत ही ज्यादा कारगर हैं। उदाहरण के लिए 2 अप्रैल को जिन 1,500 लोगों को बिना मास्क की वजह से चालान किया गया, उनमें से करीब 350 को सिर्फ चार घंटे के अंदर कैमरे ने पकड़ा था।

पहले शाही स्नान पर ही हुआ था ट्रायल

कुंभ में पुलिस सर्विलांस कंट्रोल रूम के इंचार्ज एडिश्नल एसपी मुकेश ठाकुर के मुताबिक, ‘जोखिम के तौर पर पहचानी गई जगह में क्षमता से जैसे ही 75 फीसदी से अधिक भीड़ होती है कंट्रोल रूम को अलर्ट मिल जाता है, जिससे कि वहां लोगों की एंट्री फौरन रोक दी जाती है।’ उन्होंने कहा कि ‘इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले कैमरों का 11 मार्च के पहले शाही स्नान के दौरान ही ट्रायल किया गया था। अब पूरे मेले के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाएगा। ‘ उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हाल में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि हर घाट की एंट्री प्वाइंट पर श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वह मास्क पहनें और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

पहले शाही स्नान पर करीब 32 लाख लोगों ने लगाई थी आस्था की डुबकी

कुंभ मेला के दौरान औसतन रोजाना 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु हरिद्वार के विभिन्न घाटों पर स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। संभावना है कि 12,14 और 27 अप्रैल को शही स्नान वाले दिनों पर यह संख्या बहुत ही ज्यादा बढ़ जाएगी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले शाही स्नान के दौरान यानी 11 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन वहां करीब 32 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में पवित्र डुबकी लगाई थी।