नई दिल्ली: इस बार वट सावित्री व्रत का काफी शुभ संयोग बना है। गुरुवार यानी 25 मई को वट सावित्री व्रत है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है। हिंदू धर्म के मुताबिक जो भी स्त्री वट सावित्री व्रत रखती है। उसका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। उसके पति को लंबी उम्र मिलती है। इस साल इसी दिन स्नान दान की अमावस्या और शनि जयंती भी है।

पंचांग के मुताबिक गुरुवार को सुबह 5.18 मिनट पर सुर्योदय का संयोग है। इसके बाद ही महिलाएं पूजा-अर्चना के लिए वट वृक्ष के नजदीक जाएंगी और पति की लंबी उम्र की कामना सुख-समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करेंगी। व्रत की मान्यता इनती अधिक है कि इसे करवाचौथ से जरा सा भी कम नहीं आंका जाता है।

वट वृक्ष के नजदीक पूजा अर्चना करने के बाद महिलाएं कथा सुनती है। वृक्ष की चारों ओर परिक्रमा कर उसमें कच्चा सूता बांधती है। पूजा की विधि यहीं समाप्त नहीं हो जाती है। वट वृक्ष की पूजा के बाद महिलाएं बड़ों का आशीर्वाद लेती है और अपने पति की पूजा कर उनके पैर धोती है। सबको घर में प्रसाद देकर फिर खुद मीठा भोजन ग्रहण करती है। आप को बता दें कि गुरुवार को वट वृक्ष की पूजा का समापन शुक्रवार को होगा।

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा करने से महिलाएं लंबे समय तक सुहागन रहती है। कहा जाता है कि सावित्री ने वट के नीचे ही अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से वापस ले लिया था। वट सावित्री व्रत में महिलाएं 108 बार बरगद की परिक्रमा कर पूजा करती है।

मान्यता है कि इस दिन विवाहित महिलाएं वट वृक्ष पर जल अर्पण करती हैं और हल्दी का तिलक सिंदूर और चंदन का लेप लगाती है। इस व्रत के पूजन के दौरान पेड़ को फल-फूल अर्पित करने की भी मान्यता है। इस दिन महिलाएं सुहाग से जुड़ा हर श्रृंगार करती है।