पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग झील के पास साल 2020 की हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव है। हाल ही में उसने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी घुसपैठ की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना तत्काल हस्तक्षेप के बाद उसे मुंह की खानी पड़ी। ऐसे में इस बात की आशंका है कि चीन फिर से घुसपैठ की साजिश कर सकता है। इस बीच, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की है और उनकी युद्ध की तैयारियों का जायजा लिया है। आधिकारिक मीडिया ने यहां शुक्रवार को यह जानकारी दी।

संबोधन में बोले जिनपिंग- सीमा क्षेत्र लगातार बदल रहा
शी ने यहां पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) मुख्यालय से शिनजियांग सैन्य कमान के तहत खंजराब में सीमा पर रक्षा स्थिति को लेकर सैनिकों को संबोधित किया। आधिकारिक मीडिया में दिखाए गए वीडियो के अनुसार, सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और पीएलए के कमांडर-इन-चीफ शी ने सैनिकों को अपने संबोधन में बताया कि कैसे सीमा क्षेत्र लगातार बदल रहा है और इसका सेना पर प्रभाव कैसे पड़ा है।

शी ने सीमा सैनिकों से उनकी सीमा पर गश्त के बारे में पूछा
रिपोर्ट में कहा गया है, वीडियो कॉल के दौरान उन्होंने उनकी लड़ाकू तत्परता का निरीक्षण किया। सैनिकों में से एक ने जवाब दिया कि वे अब सीमा की 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं। शी ने उनकी स्थिति के बारे में पूछा। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या वे दुर्गम इलाके में ताजी सब्जियां प्राप्त करने में सक्षम हैं। आधिकारिक मीडिया ने बताया कि शी ने सीमा सैनिकों से उनकी सीमा पर गश्त और प्रबंधन कार्य के बारे में पूछा। उन्होंने सीमा पर रक्षा करने वाले कुछ सैनिकों को सम्मानित भी किया और उन्हें अपने प्रयासों को जारी रखने और योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।

भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच 17 दौर की वार्ताएं
पूर्वी लद्दाख वह इलाका है, जहां 5 मई 2020 को पैंगोंग क्षेत्र में हिंसक भारतीय सेना से हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद से सीमा पर गतिरोध चल रहा है। दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध को लेकर 17 दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता आयोजित की गईं, लेकिन कई मुद्दों के समाधान में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति आवश्यक है।