बीजिंग। कोरोना महामारी के चलते चीन की आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी पड़ गई है। चीन ने 2023 में अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार करीब 5 फीसदी रखने का लक्ष्य रखा है। एनपीसी (National People’s Congress) की वार्षिक संसदीय सत्र में सरकार के कामकाज का रिपोर्ट रखा गया। इसमें 2023 के लिए विकास का लक्ष्य तय किया गया।

निवर्तमान प्रीमियर ली केकियांग ने कहा कि आर्थिक स्थिरता को प्राथमिकता देना जरूरी था। इस साल शहरों में करीब 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। यह पिछले साल के 1.1 करोड़ के लक्ष्य से अधिक है।

पिछले साल 3% हुई थी जीडीपी ग्रोथ

पिछले साल चीन की जीडीपी (Gross Domestic Product) सिर्फ 3 फीसदी बढ़ी। दशकों में चीन की जीडीपी में यह सबसे कम विकास दर है। तीन साल तक कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगाए गए सख्त प्रतिबंधों का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। इसके साथ ही प्रॉपर्टी सेक्टर के संकट में होने, निजी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई और निर्यात में कमी से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।

3 फीसदी रखा गया सरकारी बजट घाटे का लक्ष्य

साल 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ का लक्ष्य करीब 5 फीसदी रखा गया है। यह उम्मीद से कम है। चीन के विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि यह करीब 6 फीसदी हो सकता है। ली ने सरकारी बजट घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 3.0% रखा है। पिछले साल यह लगभग 2.8% था।

आर्थिक नीति में अधिक सुधार ला सकती है चीन सरकार

बता दें कि चीन में चल रहा इस साल का संसदीय सत्र एक दशक में सबसे बड़ा सरकारी फेरबदल लागू करेगा। चीन कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। वह कोरोना के चलते पस्त हुई अपनी अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी लाना चाहता है। इसके लिए चीन की सरकार आर्थिक नीति में अधिक सुधार ला सकती है।