नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन युद्ध पर चीन कड़ी नजर रख रहा है और अगर यूक्रेन के खिलाफ रूस सफल होता है, तो चीन LAC पर अपने मंसूबों को अंजाम दे सकता है। यह चिंता अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस ने जाहिर की है।

जिम ने कहा कि इससे चीन को भारत की एलएसी पर हमला करने का मौका मिलेगा। मैटिस 3 मार्च को आयोजित रायसीना डायलॉग के 8वें संस्करण पर बोल रहे थे। साथ ही जिम ने कहा कि अमेरिका चीन से निपटने को तैयार है।

यूक्रेन को सपोर्ट कर रहा अमेरिका

पूर्व रक्षा सचिव ने कहा कि यूक्रेन अमेरिका को सपोर्ट करता रहेगा। इधर चीन पूरी तरह से इस युद्ध पर नजर बनाए हुए है। अगर रूस कामयाब होता है, तो फिर चीन के इरादे बुलंद हो जाएंगे। साथ ही जिम ने कहा कि 4 हफ्ते में युद्ध समाप्त करने का दावा करने वाले रूस को यूक्रेन ने चुनौती दी, और एक साल से डटकर मुकाबला कर रहा है। इसमें वेस्टर्न देशों से आई मदद यूक्रेन के लिए फायदेमंद साबित हुई हैं।

परमाणु संधि की तरफ लौटना होगा
इसके अलावा मैटिस ने परमाणु खतरे पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हम परमाणु हथियारों पर पुतिन की गुस्ताखी वाली बातें सुनते हैं। इसके अलावा USSR ने सोवियत संघ के पोलित ब्यूरो ने ऐसा कभी नहीं किया। उन्होने परमाणु संधि का हवाला भी दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक संप्रभु राष्ट्र की अखंडता का उल्लंघन है.

पुतिन कह चुके- युद्ध के मैदान में रूस को हराना नामुमकिन

इससे पहले राष्ट्रपति पुतिन ने नाटो देशों को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था- वो लोग कीव और यूक्रेन के कंधों पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। यूक्रेन को मूर्ख बना रहे हैं। अमेरिका और उसके साथी महज अपना दबदबा बढ़ाने की साजिश के खातिर दूसरों को मोहरा बना रहे हैं। वेस्टर्न पावर ने ही जंग के जिन्न को बोतल से बाहर निकाला है, और वो ही इसे वापस बोतल में डाल सकते हैं। हम तो सिर्फ अपने देश और लोगों की हिफाजत करना चाहते हैं । हमारी जंग यूक्रेन के लोगों से नहीं है, क्योंकि वो तो वहां की हुकूमत के बंधक हैं। दुनिया ये कान खोलकर सुन ले कि रूस को जंग के मैदान में हराना नामुमकिन है।