पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के नारायणपुरा क्षेत्र स्थित जोग माया मंदिर में बेअदबी का मामला सामने आया है। यहा एक शख्स हथौड़ा लेकर आया और वहां रखी मां जोग माया की मूर्ति को तोड़ना शुरू कर दिया। एक महिला के शोर मचाने पर लोग एकत्रित हुए और उन्होंने हमलावर को रंगे हाथों पकड़ लिया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर ईशनिंदा का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

कराची शहर के जोग माया मंदिर में मूर्तियों से तोड़फोड़ करने वाले शख्स को गिरफ्तार करने से पहले उसने जोग माया की मूर्ति को पूरी तरह खंडित कर दिया। यह घटना सोमवार रात के वक्त की है। घटना का मुकदमा ईदगाह थाने में मुकेश कुमार की शिकायत पर दर्ज हुआ है। उनकी पत्नी जब मंदिर में पूजा कर रही थीं तभी यह हमलावर हथौड़ा लेकर मंदिर में आया और मूर्तियों से बेअदबी करने लगा।

मुकेश की पत्नी ने जब शोर मचाकर लोगों को एकत्रित किया तब उस व्यक्ति को हथौड़ा मारते हुए लोगों ने पकड़ा। उसी वक्त पुलिस के आने पर हमलावर के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज कर लिया गया। एसएसपी सिटी मजहर नवाज ने बताया, स्थानीय निवासियों ने संदिग्ध को हिंसा का निशाना बनाया लेकिन पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई थी। इससे पहले उसने मूर्तियों को काफी नुकसान पहुंचा दिया।

22 माह में नौवां बड़ा हमला
पाकिस्तानी पत्रकार वीनगास ने बताया कि पिछले 22 माह में हिंदू मंदिरों पर यह नौवां बड़ा हमला है। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट लगातार नोटिस जारी कर रहा है और इमरान खान सरकार दावा कर रही है कि वे मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं। हालांकि इमरान खान का यह दावा खोखला ही साबित हुआ है क्योंकि कट्टरपंथी पाकिस्तान की सियासत पर पूरी तरह हावी हैं।

तोड़फोड़ की पहली घटना नहीं
पाकिस्तान में हिंदू धर्मस्थलों पर लगातार हमले होते रहे हैं। कुछ माह पूर्व पंजाब में गणेश मंदिर पर हमला कर उसे नष्ट कर दिया गया। हमले के 24 घंटे बाद पीएम ने चुप्पी तोड़ी और मंदिर का जीर्णोद्धार कराने की बात कही। इससे पहले इमरान ने इस्लामाबाद में भी मंदिर जीर्णोद्धार का वादा किया। बीते साल नवंबर में कराची के ली बाजार के पास शीतलदास कंपाउंड में बने मंदिर पर हमले के बाद ईशनिंदा का केस दर्ज हुआ था। पिछले साल ही रहीमयार खान शहर में भी ऐसी ही घटना हुई। इससे पहले खैबर-पख्तूनख्वा के करक गांव में कट्टरपंथियों ने मंदिर में तोड़फोड़ कर वहां आग लगाई थी।

पाकिस्तान में पिछले एक साल में कई हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया

भोंग में गणेश मंदिर पर हमला
इस साल अगस्त महीने के पहले सप्ताह में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक गणेश मंदिर में तोड़फोड़ और आग लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में बुधवार (4 अगस्त) को भीड़ ने मंदिर पर हमला किया था। मुस्लिम आबादी के कुछ सनकी स्थानीय लोगों द्वारा मंदिर पर लाठियों, पत्थरों और ईंटों से हमला किया गया था। मंदिर के एक हिस्से को तोड़ दिया गया और मूर्तियों को अपवित्र कर दिया गया था।

इस्लामाबाद में निर्माणाधीन मंदिर में तोड़फोड़
भगवान कृष्ण के एक निर्माणाधीन मंदिर, जो इस्लामाबाद का पहला हिंदू मंदिर होने वाला था, पर पिछले साल जुलाई में हमला किया गया था। स्थानीय मुसलमानों द्वारा मंदिर की चारदीवारी को गिराए जाने के बाद राजधानी विकास प्राधिकरण को निर्माण को रोकने का आदेश देना पड़ा था। मंदिर का निर्माण शहर के अधिकारियों द्वारा अनुमोदित किया गया था, जिन्होंने धन भी आवंटित किया था, लेकिन बाद में सरकार द्वारा अनुमोदित एक निकाय जो धार्मिक मामलों पर सलाह देता है, ने कहा कि सरकारी धन का उपयोग करके निर्माण के मामले को इस्लामिक विचारधारा परिषद को भेजा जाना चाहिए। हिंदू पंचायत अब अपने खर्चे से मंदिर का निर्माण करा रही है।

ल्यारी में बंटवारा पूर्व बना हनुमान मंदिर
पिछले साल अगस्त में, एक बिल्डर ने पाकिस्तान के ल्यारी में विभाजन पूर्व हनुमान मंदिर को कथित तौर पर ध्वस्त कर दिया था। स्थानीय हिंदू लोगों के अनुसार, बिल्डर ने आश्वासन दिया था कि चल रहे निर्माण के दौरान मंदिर को छुआ नहीं जाएगा।

राम मंदिर पर हमला
पिछले साल अक्तूबर में, पाकिस्तान के सिंध प्रांत में नगरपारकर में श्री राम मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। अज्ञात बदमाशों ने हिंगलाज माता की मूर्ति के सिर को क्षतिग्रस्त कर दिया था और मंदिर को अपवित्र कर दिया था।

खैबर पख्तूनख्वा में मंदिर को सैकड़ों की भीड़ ने तोड़ा
पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सैकड़ों पाकिस्तानियों को एक हिंदू मंदिर को जलाते और तोड़ते देखा गया था। करक की तेरी संघ परिषद में स्थित कृष्ण मंदिर पर सैकड़ों निवासियों ने हमला किया था। उन्होंने मंदिर में आग लगा दी, फिर उसे हथौड़ों और कच्चे हथियारों से तोड़ दिया।

रावलपिंडी में 100 साल पुराने मंदिर पर हमला
पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में नवीनीकरण के दौर से गुजर रहे 100 साल पुराने एक हिंदू मंदिर पर इस साल मार्च में उन्मादी भीड़ ने हमला किया था। लगभग 12 लोगों की भीड़ ने मंदिर में घुसकर मुख्य द्वार, ऊपरी मंजिल के एक अन्य दरवाजे और सीढ़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया था।

माता रानी भटियानी देवी मंदिर में तोड़फोड़
पिछले साल जनवरी में, एक और इस्लामी भीड़ ने सिंध पाकिस्तान के चाचरो, थारपारकर में माता रानी भटियानी देवी मंदिर में तोड़फोड़ की थी और कथित तौर पर हिंदू पवित्र पुस्तकों में आग लगा दी थी। भीड़ ने देवी की प्रतिमा को भी अपवित्र कर दिया था और मूर्ति के चेहरे को काला कर दिया था।

मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 365 हिंदू मंदिरों में से केवल 13 का प्रबंधन इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड द्वारा किया जा रहा है, जिसमें 65 की जिम्मेदारी सताए गए और गरीब हिंदू समुदाय पर छोड़ दी गई है, और बाकी को भू-माफियाओं पर छोड़ दिया गया है।

पाकिस्तान में खोजा गया सबसे पुराना बौद्ध मंदिर

पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में ईसा से 300 साल पुराने बौद्ध मंदिर के अवशेष मिले हैं। इन खंडहरों की खोज इटली के पुरातत्वविदों ने स्वात के एक कस्बे में की है। खैबर पख्तून ख्वाह प्रांत के स्वात जिले में बौद्ध धर्म से जुड़ी ढाई हजार के करीब कलाकृतियां भी मिलीं हैं। विशेषज्ञ इस खोज को गांधार सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक मानते है क्योंकि उस वक्त यह क्षेत्र गांधार साम्राज्य का हिस्सा था।

क्षेत्रीय प्रमुख पुरातत्वविद अब्दुल समद खान ने सबसे पुराने बौद्ध मंदिरों में से एक के अवशेष की खोज को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, पिछले साल इसी क्षेत्र में एक प्राचीन हिंदू मंदिर के खंडहर भी खोजे गए थे। उन्होंने बताया, एक हिंदू मंदिर और एक बौद्ध मंदिर के अवशेष संकेत करते हैं कि इस क्षेत्र में उच्च स्तर की धार्मिक सद्भाव और सहिष्णुता थी। इस खोज के दौरान एक इंडो-यूनानी राजा की अवधि के कुछ सिक्के और मुहरें भी मिली हैं, जो हजारों साल पहले भी स्वात के एक सांस्कृतिक शहर होने का संकेत हैं।